पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जिले में साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। आए दिन सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी व ओटीपी पूछकर बैंक खाते से रकम पार होने की खबर आती रहती है लेकिन इस बार मामला अलग है। बिना एटीएम कार्ड व बिना सिग्नेचर के गांधी चौक निवासी रमेश कुमार मिश्रा (63) पिता स्व. रविशंकर मिश्रा के खाते से किसी हैकर्स ने 3 लाख से अधिक की राशि पार कर दी, जिसकी जानकारी खाताधारक को 13 दिन बाद लगी। पीड़ित रमेश कुमार मिश्रा अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री में सीनियर मैनेजर के पद से जनवरी 2020 में रिटायर हुए थे। उन्होंने बताया कि एचडीएफसी बैंक में उनके खाता नंबर 16561000005274 से 6 दिसंबर को 10 हजार रुपए 22 दिसंबर को पहले 3 लाख फिर 10 हजार रुपए व 27 दिसंबर को 10 हजार रुपए बिना किसी एटीएम कार्ड व बिना ओटीपी के ही किसी ने (कुल 3 लाख 30 हजार) पार कर दिए। इसकी न तो मुझे भनक लगी और न ही ट्रांजेक्शन होने पर किसी प्रकार की सूचना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिली। मिश्रा के अनुसार न ही उन्होंने किसी प्रकार की ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया है, न ही किसी को ओटीपी बताया है और न ही किसी प्रकार की लिंक पर क्लिक किया है। उनको रकम गायब होने का पता तब चला जब 5 जनवरी 2021 को खाते में मंथली ईएमई 15843 रुपए अपर्याप्त राशि होने से जमा नहीं होने की जानकारी हुई। बैंक से स्टेटमेंट लेने पर उक्त राशि की धोखाधड़ी की जानकारी पहली बार हुई। इसके बाद एचडीएफसी बैंक के मैनेजर को इसकी जानकारी दी तथा इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई।
आॅनलाइन सोना खरीदा गया चुराई गई रकम से
सिटी कोतवाली प्रभारी महेश धु्रव का कहना है कि यह चोरी का मामला है। खाताधारक के खाते से किसी हैकर ने उनका मोबाइल नंबर हैक कर राशि निकाली है या फिर ऐसा भी हो सकता है कि खाताधारक के किसी करीबी ने आँनलाइन खरीदी कर रकम ट्रांसफर की है। खाते से चोरी की गई रकम रेजर पे से ट्रांसफर हुई है, चोरी की गई रकम से सोना खरीदा गया है।
पॉजिटिव- आज आप बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से अपने काम संपन्न करने में सक्षम रहेंगे। सभी का सहयोग रहेगा। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए सुकून दायक रहेगा। न...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.