ग्राम पंचायत देवभोग में मुक्तिधाम तक नहीं है। यहां से 2 किमी दूर तेल नदी तट पर ही मरने वालों की अंतिम क्रिया की जाती है। रविवार को नदी तट पर 3 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। नदी में पानी रहने या बहाव तेज होने पर तट भी ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
मदद के लिए आगे आएंगे समाज:
इस सरकारी रकम से प्रतीक्षालय, हैंडपंप एवं शेड का निर्माण होना है। इसके अतिरिक्त जितनी भी आवश्यक संसाधन लगेंगे उसके लिए समाज से मदद मिलेगी। अग्रवाल युवा समाज, ब्राम्हण समाज के अलावा साईं सेवा समिति ने भी निर्माण व आवश्यक संसाधन जुटाने में सहयोग करने का ऐलान किया है।
मुक्तिधाम के लिए साढ़े 5 लाख मंजूर हुए हैं: सीईओ
बारिश के दिनों में मरने वालों का अंतिम संस्कार करने में ग्रामीणों को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। देवभोग की आबादी 8 हजार से भी ज्यादा है, यहां राजस्व अनुविभाग मुख्यालय भी है, लेकिन दर्जा ग्राम पंचायत का है। इस मामले में जनपद पंचायत के सीईओ एमएल मंडावी ने कहा कि देवभाेग के जामबोरली तट पर मुक्तिधाम बनाने के लिए 5.30 लाख रुपए मनरेगा के तहत मंजूर किए गए हैं। ग्राम पंचायत एजेंसी है। जल्द ही मुक्तिधाम का काम शुरू कराया जाएगा। संतोषी पारा वार्ड में भी एक और मुक्तिधाम बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
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