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नए साल की शुरुआत के साथ ही जिले में 25 हाथियों का एक और नया दल जिले में आ गया है। इस बार यह दल ओडिशा के जंगल से आया है। बुधवार की रात हाथियों ने सुदुरपानी में रामरतन के घर को तोड़ दिया। विरेंद्र के घर के सामने खड़ी स्कूटी उठाकर खेत में पटक दी। 2 से 3 किसानों के खेताें में लगे धान को राैंदा। हाथियों का यह दल एक दिन पहले गरियाबंद में था। जहां इसने करीब 15 मकान तोड़े है। गुरुवार देर रात तक हाथियों का दल नगर शहर से 3 किलोमीटर दर अमाली गोरेगांव के पास था। इस दल में किसी भी हाथी को कॉलर आईडी नहीं लगी है, इसलिए खतरा ज्यादा है। डीएफओ सतोविशा समाजदार ने लोगों को सतर्क रहने कहा है। डीएफओ समाजदार खुद अफसराें से संपर्क कर निगरानी करवा रहीं हैं। वे खुद माैके पर भी गईं हैं। जानकारी के मुताबिक 4 जनवरी को ओडिशा के नवरंगपुर के जंगल से निकलकर 25 हाथियों के दल ने गरियाबंद में प्रवेश किया। यहां हाथियाें ने बिंद्रानवागढ़ परिक्षेत्र अंतर्गत जैतपुरी, भीरालाट, अंदोरा, पंडरीपानी सहित आसपास के गांव में खूब आतंक मचाया। हाथियाें ने कई ग्रामीणों के घर तोड़े हैं। इसके बाद धमतरी जिले के जंगल में बीती रात करीब 3 बजे प्रवेश किया। यहां कक्ष क्रमांक 341 में है। गुरुवार सुबह हाथियों का दल भैसामुड़ा, चंदनबहारा व सुदुरपानी के जंगल से होकर आगे बढ़े। रात 8 बजे की स्थिति में धौंराभाठा, फरसिया के जंगल में हैं। इन 25 हाथियों के दल ने गरियाबंद में खूब आंतक मचाया है। ऐसे में निगरानी करना जरूरी है। इस दल के किसी भी हाथी में कॉलर आईडी नहीं होने से वन विभाग के अफसर दहशत में है। दल में एक दंतैल है।
8 रेंज के अफसर निगरानी में लगे
गरियाबंद में हथियों ने खूब आतंक मचाया है। जिले में भी ऐसी नौबत न आए, इसलिए डीएफओ सतोविशा समाजदार ने 8 रेंज के अफसर-कर्मचारियों को इन 25 हाथियों की निगरानी में लगाया है। दल जहां भी जा रहा है, अफसर कर्मचारियों एक निश्चित दूरी बनाकर साथ चल रहा है। ग्रामीणों को भी तुरंत सतर्क कर रहे हैं, ताकि हाथियों के समूह के आसपास भी लोग न जाएं। वहां अफसर लोगों को सतर्कता रखने कह रहे हैं।
अभी डौंडी ब्लॉक में है चंदा हथिनी का दल
साल 2020 में चंदा हथिनी का दल गरियाबंद से मगरलोड ब्लॉक होते हुए 2 बार धमतरी आया। पहली बार चंदा हाथियों का क्षेत्र में विचरण कर कांकेर जिले में प्रवेश किया। यहां से वापस लौट कर गरियाबंद चला गया था। इस दौरान अरौद डुबान में एक शिशु हाथी की मौत हुई थी। दोबारा सितंबर में हाथियों का दल अाया। करीब 15 दिन जिले में विचरण करने के बाद बालोद, कांकेर होते हुए आगे बढ़ो। वर्तमान में चंदा हथिनी 22 हाथियों के साथ डौंडी ब्लॉक में है।
सावधानी रखें, हाथियों से छेड़खानी न करें: डीएफओ
डीएफओ सतोविशा समाजदार ने बताया कि बुधवार रात गरियाबंद जिले से 25 हाथियों का दल नगरी ब्लाॅक के जंगल में प्रवेश किया है। यह दल कक्ष क्रमांक 341 भैसामुड़ा क्षेत्र में है। अभी हाथियों के जंगल में ही रहने से किसी प्रकार की हानि नहीं हुई है। नगरी, बिरगुड़ी रेंज के एसडीओ सहित वन विभाग के अन्य अफसरों को निगरानी के लिए ड्यूटी लगाई है। लोग सावधानी रखें, हाथियों से छेड़खानी न करें। हाथियों का दल ओडिशा से आया है। कॉलर आईडी नहीं लगी है, इसलिए निगरानी में दिक्कत हो रही है।
रात में 30 से 40 किमी तक चलते हैं हाथी वन विभाग के अफसरों के मुताबिक हाथी एक रात में करीब 30 से 40 किमी की दूरी तय करते हैं। रातभर में यह झुंड किस दिशा में आगे बढ़ेगा और कितनी दूर जाएगा, तय नहीं है। वर्तमान में हाथी किस ओर जाएंगे यह भी स्पष्ट नहीं है। क्योंकि कॉलर आईडी नहीं है। शुक्रवार सुबह ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह 25 हाथियों का दल किस तरफ पहुंचता है।
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