शहर से 20 किमी दूर 3 जिले धमतरी, बालोद व कांकेर की सरहद राजाराव पठार में प्रदेशभर के सर्व आदिवासी समाज के लोग जुटेंगे। 8 दिसंबर से शुरू हो रहे 3 दिवसीय मेले में धमतरी सहित प्रदेश के अन्य जिलों के आदिवासी समाज देव विग्रह के साथ शामिल होंगे। पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ आंगा देव का प्रदर्शन होगा। मेला करीब आधा किमी क्षेत्रफल में लगेगा। इसकी शुरुआत राज्यपाल अनुसूइया उईके करेंगी।
नेशनल हाईवे से लगे राजा राव पठार में वीर मेला 8, 9 और 10 दिसंबर को लगेगा। यहां पर मड़ई-मेला लगेगा, जहां बस्तर संभाग सहित प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे। मेले की खासियत यह कि आदिवासी समाज अपनी महापंचायत इसी मेले में करता है, जहां पर समाज से जुड़े कई प्रमुख मुद्दों को राजनेताओं और सरकार के सामने रखा जाता हैं।
यहां पर आदिवासी संस्कृति की विशेष झलक देखने को मिलती है। शहीद वीर नारायण सिंह की याद में साल 2014 से मेले का आयोजन हो रहा है। वीर मेला आयोजन समिति के मानक दरपट्टी ने बताया कि राजा राव पठार में आदिवासी नृत्य हाेंगे। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए आदिवासी नृत्य समूह अपने नृत्य कला का प्रदर्शन करेंगे। समापन में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री कवासी लखमा, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, कांकेर सांसद मोहन मंडावी सहित अन्य सामाजिक पदाधिकारी शामिल होंगे।
राज्यपाल की उपस्थिति में हाेगी शुरुआत
मेला शुरू हाेने के अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुइया उइके होंगी। मंत्री अनिला भेड़िया, कवासी लखमा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, नंदकुमार साय, प्रदेशाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज सोहन पोटाई अतिथि होंगे।
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