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करेली बड़ी के रेत खदान को बंद कराने ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रहा। सोमवार को कलेक्टर-एसपी ने धरना प्रदर्शन स्थल में आकर ग्रामीणों को समझाया। अफसरों के लौटने के बाद आंदोलनकारी 2 गुट में बंट गए है। एक गुट में ग्रामवासी तो दूसरा गुट में सरपंच और कुछ पंचायत प्रतिनिधि आमने-सामने हो गए है। ग्रामीणों ने घर-घर हस्ताक्षर अभियान चलाया। मंगलवार को सरपंच धरना में शामिल ही नहीं हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि खदान में ठेकेदार मनमाने तरीके से रेत निकालकर महानदी को बर्बाद कर रहा है। अवैध रेत निकालने से महानदी में दफनाए शव के कंकाल बाहर निकल रहे है। आंदोलनकारियों के मुताबिक कलेक्टर द्वारा खदान बंद कराने लिखित में पत्र मिलने के बाद ही धरना खत्म किया जाएगा। रेत खदान बंद कराने करेली बड़ी के ग्रामीण 19 फरवरी को कलेक्टोरेट आए। उन्होंने प्रशासन को आवेदन दिया। 20 फरवरी से गांव के सत्यनारायण मंदिर के पास धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान ग्रामीण हवन कर सद्बुद्धि यज्ञ किया गया। सरपंच डोमर सिंह साहू ने कहा कि आंदोलन में अब गुटबाजी बढ़ गई है। इसलिए प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ। आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को मेरा समर्थन है।
मिलीभगत से चल रही अवैध निकासी
ग्रामीण यादराम निषाद, योगेन साहू, कुशलकांत साहू, नंदलाल निषाद, चंदू जामरे, गायत्री साहू, यशोदा निषाद ने बताया कि करेली बड़ी रेत खदान से लगातार अवैध रेत खनन हो रहा है। इसकी शिकायत जिला प्रशासन से कई बार हुई, लेकिन मिलीभगत के कारण नियमों का उल्लंघन कर रेत निकाली गई। नियम विरुद्ध अवैध खनन के बावजूद अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। स्थिति यह कि महानदी में दफनाए गए शव के कंकाल निकल रहे है। कलेक्टर खदान बंद कराने लिखित में ग्रामीणों को पत्र देंगे, तभी आंदोलन खत्म होगा।
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