राहत:खुला समद्धि केंद्र, खाद-बीज व मिट्‌टी परीक्षण की सुविधा

गरियाबंद7 महीने पहले
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कृषि समृध्दि केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर मौजूद अधिकारी व किसान। - Dainik Bhaskar
कृषि समृध्दि केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर मौजूद अधिकारी व किसान।

सालों तक किसान खाद बीज और स्वाइल टेस्ट ( मिट्‌टी परीक्षण) की सुविधाओं के लिए परेशान रहते थे, अब गरियाबंद जिले के किसानों को इस समस्या से निजात मिलेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि समृध्दि केन्द्र खोलने की मंजूरी देने के बाद इसका शुभारंभ भी कर दिया है। इस केन्द्र के माध्यम से जिले के 1 लाख 11 हजार 643 किसान लाभांवित होंगे। उन्हें एक ही छत के नीचे खाद-बीज और स्वाइल टेस्ट की सुविधा मिलेगी।

मालूम हो कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की सुविधाओ में विस्तार करते हुए देश में 600 नए प्रधानमंत्री कृषि समृध्दि केन्द्रों और एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना का शुभारंभ किया। 600 नए कृषि केन्द्रों में गरियाबंद जिले को भी शामिल किया गया है। जिला मुख्यालय में स्थित लक्ष्मी बीज भंडार में एनएफएल कंपनी के सौजन्य से प्रधानमंत्री कृषि समृद्धि केंद्र का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर आसपास के गांव से बड़ी संख्या में किसान यहां पहुॅचे थे। लाइव प्रसारण के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कृषि मंत्री उर्वरक एवं रसायन मंत्री ने किसानो को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने वन नेशन वन फर्टिलाइजर, भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एनपी के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से लक्ष्मी बीज भंडार के प्रोपाइटर रिखी कुमार साहू, भूषण लाल साहू, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ईश्वर सिंह, एनएफएल कंपनी के एसके भगत उपस्थित थे।

समृद्धि केंद्र में ये सुविधाएं भी मिलेंगी

प्रधानमंत्री कृषि समृध्दि केन्द्र खुलने से किसानों को कई प्रकार की सुविधाए मिलेगी। यहां उर्वरक खरीदी बिक्री के साथ ही सभी प्रकार के बीज, उपकरण, मिट्टी की टेस्टिंग भी की जाएगी। किसानों सरकारी योजनाओं के साथ हर प्रकार की जानकारी भी दी जाएगी। समृद्धि केंद्र से किसान वन नेशन वन फर्टिलाइजर प्रोग्राम के तहत भारत ब्रांड का फर्टिलाइजर खरीद सकेंगे।

इसके साथ ही इन केंद्रों पर कृषि उपज बढ़ाने में मदद के लिए कृषि विज्ञान केंद्र व एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ किसानों को सलाह और परामर्श देने उपलब्ध रहेंगे। सभी प्रकार के समान एक छत के नीचे मिलने से किसानो को अलग अलग दुकानो के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।