छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सातों जिलों में अब हेलिकॉप्टर की नाइट लैंडिंग हो सकेगी। संभाग के सभी जिलों के अंदरुनी इलाकों में करोड़ों रुपए की लागत से 18 नए हेलीपैड बनाए जाएंगे। कुछ जिलों में इसका काम भी शुरू हो गया है। नक्सलगढ़ में हेलीपैड बनने से मुठभेड़ में घायल हुए जवानों को तुरंत उन्हीं इलाकों से रात में ही एयर एंबुलेंस की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा चुनाव के समय मतदान कर्मियों को भी इसी के माध्यम से अंदरुनी गांव तक पहुंचाया जा सकेगा।
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता जी.आर रावटे ने बताया कि 4 करोड़ 41 लाख रुपए की लागत से हेलीपैड निर्माण का काम होगा। जिसमें एक हेलीपैड के निर्माण के लिए लगभग 21 लाख 22 हजार रुपए लगेंगे। उन्होंने बताया कि जिन 18 जगहों पर पहले हेलीपैड बनने थे, उनमें से 3 को किसी दूसरे अंदरुनी जगहों पर बनाया जाएगा। कुछ हेलीपैड निर्माण का काम शुरू भी हो चुका है। लगभग 6 महीने के भीतर इन सभी हेलीपैड का निर्माण काम पूरा किया जाएगा।
चुनाव के लिए होती है ज्यादा परेशानी
बस्तर में चुनाव करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। अंदरुनी इलाके में मतदान कर्मियों का पहुंचना, फिर चुनाव सम्पन्न करवाने के बाद पूरी सुरक्षा के साथ मत पेटियों को जिला मुख्यालय तक लाने भारी सुरक्षा का बंदोबस्त किया जाता है। सड़क मार्ग से आने वाली टीमों पर नक्सल अटैक का खौफ हमेशा बना रहता है। ऐसे में अंदरुनी इलाकों में हेलिकॉप्टर की नाइट लैंडिंग की सुविधा मिल जाती है तो चुनाव के समय भी बड़ी आसानी होगी। 24 घंटे हेलिकॉप्टर की सुविधा मिल सकेगी।
कुछ जगहों पर पहले ही हो चुकी है व्यवस्था
बस्तर संभाग के जगदलपुर, दंतेवाड़ा समेत कुछ जिलों में पहले से ही हेलिकॉप्टर के नाइट लैंडिंग की सुविधा है। दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन कारली में हेलीपैड होने से कुछ समय पहले मुठभेड़ में घायल हुए जवान को नाइट में एयर एंबुलेंस की सुविधा मिली थी, जिन्हें फौरन रायपुर रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि वर्तमान में जितने भी हेलीपैड बन रहे हैं, उनमें ऐसे जगहों का चयन किया गया है, जहां फोर्स की मौजूदगी है और इलाका बेहद संवेदनशील है।
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