छत्तीसगढ़ युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह को कांग्रेस पार्टी से निकाले जाने के बाद वे बिलख पड़े। पार्टी से निष्कासन के लिए उन्होंने बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही विक्रम मंडावी पर जमकर आरोप भी लगाए हैं। अजय ने कहा कि, विक्रम पूर्व विधायक राजेंद्र पामभोई की मौत के जिम्मेदार हैं। विक्रम की ही वजह से राजेंद्र पामभोई सदमे में चले गए थे और उनकी मौत हो गई थी। उन्होंने कभी पार्टी हित के लिए काम नहीं किया है। पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लीन हैं। और ऐसे व्यक्ति की बात सुनकर मुझे पार्टी से निकाला गया है। इसलिए मैं दुखी हूं।
दरअसल, अजय सिंह ने बीजापुर जिले में अपने भैरमगढ़ स्थित निवास में प्रेस वार्ता ली। अजय ने कहा कि मैनें जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि मैंने जिस पार्टी के लिए पूरी जिंदगी सौंप दी, वही पार्टी एक ऐसे विधायक के कारण मुझे पार्टी से निष्कासित करेगी, जो पूरी जिंदगी पार्टी के खिलाफ काम करता रहा। उन्होंने बताया कि मंडी चुनाव, जनपद चुनाव और दिवंगत विधायक राजेंद्र पामभोई के समय विधानसभा चुनाव में भी विक्रम मंडावी पार्टी के खिलाफ जाकर काम करते रहे। ऐसे शख्स के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।
भ्रष्टाचार को उजागर किया इसलिए निकला- अजय
अजय सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसे कार्यों की सूची विधायक वायरल करवाते हैं जो पहले ही सांठ-गांठ कर पूर्ण करा लिया गया हो। वे स्वयं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं और लगातार प्राधिकरण के पैसों का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं उन्होंने जिले में चल रहे सभी निर्माण कार्यों में विधायक पर ठेकेदारों के साथ पार्टनरशिप में काम करने का आरोप लगाया है। अजय ने कहा कि जब मैंने इन सारे भ्रष्टाचारों को उजागर किया तो मुझपर निष्कासन की कार्रवाई कर दी गई। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का एक सिपाही हूं, और मरते दम तक इसी में रहूंगा।
आरोप- 40 डिसमिल जमीन लेकर बनाया नपं अध्यक्ष
अजय ने कहा कि भैरमगढ़ नगर पंचायत चुनाव में बहुमत के साथ जीत हासिल किए। जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन की बारी आई तो विक्रम मंडावी, जिलाध्यक्ष लालू राठौर और इनके बीच गुप्त बैठक भी हुई थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि पार्टी से विजयी पार्षद शशि परभुलिया को अध्यक्ष बनाया जाएगा और उपाध्यक्ष जागेंद्र देवांगन को। लेकिन, दूसरे दिन एक अन्य पार्षद पति सीताराम मांझी के साथ 40 डिसीमिल जमीन का सौदा कर विधायक ने उसकी पत्नी सुखमती मांझी को नगर पंचायत का अध्यक्ष बना दिया। जिसके कुछ ही दिनों के बाद सीताराम मांझी ने विधायक के नाम 40 डिसीमिल जमीन की रजिस्ट्री करवा ली।
इस संबंध में जब विधायक विक्रम मंडावी का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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