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पूरे साल कोरोना संक्रमण का कहर झेलने के बाद अब साल के अंत में बड़ी और राहत भरी खबर मेकॉज से आई है। मेकॉज में स्थित संभाग के सबसे बड़े कोविड हॉस्पिटल में रविवार को एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज इलाज के लिए नहीं बचा। यहां भर्ती सभी मरीजों को इलाज कर डिस्चार्ज दे दिया गया है और अब कोविड हॉस्पिटल के पूरे 200 बेड खाली हो गए हैं। रविवार की सुबह तक हॉस्पिटल में एक जगदलपुर और सुकमा का मरीज इलाज के लिए भर्ती था लेकिन दोपहर के बाद इनका फायनल चेकअप किया गया और दोनों के स्वस्थ होने के बाद इन्हें डिस्चार्ज दे दिया। कोरोना के पहले मरीज के यहां भर्ती होने के बाद करीब 210 दिन बाद ऐसा मौका आया जब हॉस्पिटल में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। इसके अलावा बकावंड के आइसोलेशन सेंटर और एमपीएम हॉस्पिटल में भी एक भी पॉजिटिव मरीज भर्ती नहीं है। वहीं धरमपुरा के आइसोलेशन सेंटर में सिर्फ 2 मरीज भर्ती हैं इनका भी डिस्चार्ज एक-दो दिनों में हो जाएगा। जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या रविवार की देर शाम तक 29 बची है और सभी एक्टिव मरीज होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसके साथ ही अब जिला प्रशासन और मेकॉज के अफसरों ने राहत की सांस ली है ।
1344 मरीज हुए भर्ती इनमें 75 की मौत
मेकाज में पहला कोविड पॉजिटिव मरीज 28 मई को भर्ती हुआ। इसके बाद यहां 27 नवंबर तक 1344 पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें 75 पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई तो 17 पॉजिटिव मरीजों को हायर सेंटर में रेफर किया गया। 1344 मरीजों में पूरे संभाग के गंभीर कोविड पॉजिटिव मरीज शामिल हैं। मेकॉज में कोविड हास्पिटल में कोरोना के लक्षण या कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार पड़े मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा था।
सघन जांच अभियान से मिली बड़ी मदद
कोरोना मरीजों की संख्या में कमी के पीछे की बड़ी वजह कलेक्टर रजत बंसल की प्लानिंग भी काम आई है। जिले में कोरोना मरीजों को ढूंढने सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। अभी एक-एक वार्ड को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है और फिर वहां कोविड जांच करने के बाद पॉजिटिव मरीजों को ट्रेस कर उनका इलाज किया जा रहा है। इस दौरान मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों का भी टेस्ट किया जा रहा है। इस नई प्लानिंग का खासा असर संक्रमण को रोकने पर पड़ा है।
171 लोगों की जांच एक भी पॉजिटिव नहीं
रविवार को एक और राहत भरी खबर सामने आई है। शहर के लालबाग, संजय मार्केट, एयरपोर्ट, एमपीएम हास्पिटल, बंसल नर्सिंग होम जैसे सार्वजनिक स्थानों पर रेंडमली कोरोना जांच की गई। इस दौरान 171 लोगों की जांच हुई जिसमें एक भी व्यक्ति पॉजिटिव नहीं मिला। इस सप्ताह में यह दूसरा मौका था जब इस तरह से सार्वजनिक स्थानों में कई गई जांच में एक भी पॉजिटिव नहीं मिला। रविवार को बस्तर जिले में मात्र 2 ही नए मरीज मिले। कोंडागांव में 9 मरीज मिले।
28 मई को दिल्ली से आया इंटर्न डॉक्टर संभाग का पहला संक्रमित
मेकाज के कोविड हास्पिटल में पहला कोविड मरीज 28 मई को भर्ती हुआ था। यह मरीज भी डाॅक्टर था दरअसल मेकॉज में इंटर्नशिप करने के लिए 4 डाॅक्टर दिल्ली से जगदलपुर कार से पहुंचे थे। इस दौरान रास्ते में एक इंटर्न कोरोना की चपेट में आ गया था। जगदलपुर पहुंचने के बाद चारों डाॅक्टरों को परपा स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था और यहीं इनका कोरोना टेस्ट हुआ था। इसके बाद एक डाॅक्टर जो पॉजिटिव मिला था उसे मेकॉज में भर्ती किया गया था और यही डाॅक्टर मेकॉज का पहला कोविड पेसेंट था।
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