छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने युवाओं के लिए फरमान जारी किया है। नक्सलियों ने पर्चा के माध्यम से युवाओं से कहा है कि शिक्षक, हेल्थ, कृषि विभाग और पशुपालन विभाग में भर्ती के लिए सरकार से मांग करें। बस्तर फाइटर्स में भर्ती न होएं। नक्सलियों ने कहा कि, जनता की सेवा करने वाले विभाग में ही वे नौकरी करें। साथ ही बस्तर के युवाओं को जल-जंगल-जमीन को बचाने शपथ लेने को कहा है।
दरअसल, उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी ने पर्चा जारी किया है। नक्सलियों ने पर्चे में लिखा है कि, मोदी और भूपेश सरकार बस्तर फाइटर्स के नाम से आदिवासी युवक-युवतियों को भर्ती कर आदिवासी क्षेत्र में अनमोल संपदा को लूटने और आदिवासियों के ऊपर हमला करने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्या अपने ही परिवार के ऊपर हमला करेंगे?
नक्सलियों ने बस्तर वासियों से कहा है कि, गुंडाधुर, गेंद सिंह, सड़मेक बाबूराव, कोमराव, उमराव भीम, बिरसा मुंडा, आयतु महरा जैसे आदिवासी योद्धाओं ने जल -जंगल-जमीन को बचाने के लिए अपनी कुर्बानी दी थी। भारत देश में अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी जल- जंगल-जमीन पर अधिकार हमारा है कह कर लड़े थे। लेकिन अब बस्तर फाइटर्स में भर्ती होकर सारी संपत्ति को क्या अडानी, अंबानी को लूटने देंगे? नक्सलियों ने साफ तौर युवाओं को बस्तर फाइटर्स में भर्ती होने के लिए मना किया है।
क्या है बस्तर फाइटर्स?
बस्तर संभाग में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए बस्तर फाइटर्स फोर्स का गठन किया जा रहा है। इसमें संभाग के सातों जिलों से कुल 2800 युवाओं की भर्ती होनी है। प्रत्येक जिले से 400-400 युवा भर्ती होंगे। जिन्हें नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे में तैनात किया जाएगा। पुलिस का मानना है कि, एक तरफ जहां बस्तर फाइटर्स से युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ अंदरूनी इलाकों के युवा फोर्स में भर्ती होंगे तो माओवादियों की कमर भी अपने आप टूटने लगेगी।
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