छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ में हजारों ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर आंदोलन में बैठे हुए हैं। जिले में 2 अलग-अलग जगह ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है। ओरछा में 5 जिलों के लोग आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं छोटे डोंगर में इलाके के 15 से ज्यादा पंचायतों के ग्रामीण आंदोलन में बैठे हुए हैं। दोनों जगह चल रहे आंदोलन में ग्रामीणों ने सड़क और पुलिस कैंप खोलने का विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि बिना ग्राम सभा के सड़क बनाई जा रही है और कैंप खोले जा रहे हैं। पेसा कानून लागू करने की मांग भी उठी है।
ओरछा में चल रहे आंदोलन में नारायणपुर जिले के अलावा बीजापुर, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के लोग भी शामिल हुए हैं। पिछले 3 दिनों से ग्रामीण अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इलाके में सड़क बनती है और कैंप खुलता है तो पुलिस गांव में घुसेगी। उन्हें परेशान किया जाएगा। फर्जी मुठभेड़ में ग्रामीणों को मारा जाएगा। साथ ही झूठे नक्सल प्रकरण में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा। अबुझमाड़ में स्थित खनिज संपदा को भी नुकसान पहुंचाया जाएगा।
तीन दिन से सड़क पर ही बैठे हैं ग्रामीण
बताया जा रहा है कि ओरछा में इकठ्ठा हुए हजारों ग्रामीण पिछले 3 दिनों से सड़क पर ही बैठे हैं। मार्ग को बाधित कर दिया गया है। जबकि छोटे डोंगर में ग्रामीण सड़क के किनारे बैठे हुए हैं। छोटे डोंगर- नारायणपुर मार्ग खुला हुआ है। छोटे डोंगर के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर रैली भी निकाल रहे हैं। अबुझमाड़ के इन दोनों जगहों पर ग्रामीण पारंपरिक हथियार तीर-धनुष और टंगिया लेकर आंदोलन में बैठे हुए हैं।
यह है ग्रामीणों की 11 सूत्रीय मांग
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