मानसून में मौसम की आंख मिचौली ने बस्तर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। धान की रोपाई का समय निकलता जा रहा है और मौसम विभाग का अनुमान भी काम नहीं कर रहा। आंकड़ों की बात करें तो 1 जून से 9 जुलाई के बीच बस्तर के 7 में से सिर्फ सुकमा जिले में ही सबसे ज्यादा 659.3 मिली रिकार्ड की गई है। जबकि दंतेवाड़ा में ये आंकड़ा सबसे कम है। वहीं मौसम विभाग ने एक बार फिर शनिवार को 5 जिलों में बारिश की संभावना जताई है।
8 और 9 जुलाई को 2 जिले में थी चेतावनी, लेकिन नहीं हुई बारिश
मौसम विभाग द्वारा बारिश को लेकर लगातार पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है। बस्तर संभाग के नारायणपुर व कांकेर जिले में 8 व 9 जुलाई को गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी।मौसम वैज्ञानिकों ने इन दोनों जिलों में 115.6 से 204.4 MM बारिश होने की संभावना जताई थी, लेकिन यहां अच्छी बारिश नहीं हुई। हालांकि दिनभर बादल भी छाए हुए थे और कुछ इलाकों में हल्की बारिश जरूर हुई थी।
संभाग के 5 जिलों में होगी भारी बारिश - मौसम विभाग
मौसम विभाग की मानें तो शनिवार को संभाग के कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर व नारायणपुर इन 5 जिलों में 64.5 से 115.5 तक मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। सुबह से ही कई इलाकों में बादल छाए हुए हैं तो कहीं ठंडी हवाएं चल रही है। इधर कांकेर व सुकमा जिले में बारिश होने की संभावना कम है। वहीं 1 जून 9 जुलाई तक बस्तर के सुकमा जिले में सबसे ज्यादा 659.3 MM तो दंतेवाड़ा में सबसे कम 218.5MM बारिश दर्ज की गई है।
अब तक इन जिलों में इतनी हुई बारिश
जिला | बारिश (मिमी) |
बस्तर | 266.0 |
कांकेर | 277.4 |
दंतेवाड़ा | 218.5 |
सुकमा | 659.3 |
बीजापुर | 342.9 |
कोंडागांव | 306.5 |
नारायणपुर | 312.6 |
ऐसे बन रहे बारिश के आसार
मौसम वैज्ञानिक एपी चंद्रा ने बताया कि एक पूर्व-पश्चिम शियर जोन 20 डिग्री उत्तर में 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर तक विस्तारित है। एक द्रोणिका दक्षिण पंजाब से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक दक्षिण हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तर उड़ीसा होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है । चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पश्चिम झारखंड और उसके आसपास 5.8 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है।
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