छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 25 दिसंबर के बाद से मौसम में फेरबदल हुआ है। इससे पहले 24 दिसंबर तक कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। प्रदेश में उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाओं का आना बंद हो गया है और दक्षिण छत्तीसगढ़ में दक्षिण से नमी युक्त अपेक्षाकृत गरम हवा आनी शुरू हो गई। इसी वजह से ठंड थोड़ी कम हो गई है। लेकिन पिछले 2 दिनों से सुबह 8 बजे तक कोहरा छाया हुआ रहता है। इस वजह से रायपुर से बस्तर तक चलने वाली रात्रि कालीन यात्री बसें भी समय से लेट हो रही हैं।
घने जंगल और घाट में कोहरा की वजह से बस चालकों को भी बस चलाने में थोड़ी दिक्कत हो रही है। मंगलवार को रायपुर से रात में निकली बस जो सुबह 4 बजे से लेकर 8 बजे तक जगदलपुर मुख्यालय या फिर आगे बैलाडीला तक जाती हैं वो भी कोहरा की वजह से समय से लेट हुईं है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को जगदलपुर में न्यूनतम तापमान 14.0 और अधिकतम तापमान 28.4 दर्ज किया गया है। जगदलपुर के अलावा सुकमा, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव और दंतेवाड़ा में भी यही स्थित बनी हुई है। इन जिलों में भी मौसम में फेरबदल देखने को मिल रहा है। तापमान में बढ़ोतरी हुई है।
किसानों के लिए जारी की गई एडवाइजरी
दंतेवाड़ा के कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अनिल कुमार ठाकुर ने मौसम के फेरबदल को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि, जो किसान किसान रबी की फसल और साग- सब्जी उगाएं हैं उसमें शीतलहर और पाले से नुकसान की संभावना बनी हुई है। पाले के नुकसान से बचाव हेतु फसलों में शाम के समय सिंचाई कर सकते हैं। जिससे खेत के आसपास हवा का तापमान जमाव बिंदु से नीचे गिरने से बच सकता है। सिंचाई करने से मिट्टी में 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ सकता है।
इसके अलावा खेतों के आस-पास जब 5 डिग्री से कम का तापमान हो तो घास को जलाकर धुंआ करें। छोटे क्षेत्र और छोटे पौधे (नर्सरी) को पॉलिथीन या पैरा से ढककर पाले से बचा सकते हैं। इसके अलावा दीर्घकालीन उपाय में उत्तर और दक्षिण दिशा में खेत के मेड़ो में शहतूत ,शीशम , बबुल , जामुन और झाड़ीनुमा पौधों को वायुरोधी के रूप में लगा कर ठंडी हवा से बचाया जा सकता है। वहीं पशुओं और मुर्गी को भी ठंड से बचाने के लिए फार्म की खिड़कियों में बोरी लटकाएं। पशुओं को ताजा पानी ही पिलाएं।
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