पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उन पर की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा है कि उन्हें व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करना चाहिए। आदिवासियों के लिए जो मानसिकता है वह कहीं न कहीं झलकती है। यह मध्यप्रदेश से ही राजनीति में हमें विरासत में मिली है। दरअसल गणतंत्र दिवस समारोह से एक दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अरविंद नेताम की आर्थिक संपन्नता पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वे चाहते हैं कि सभी आदिवासी उनके जैसे हो जाएं। आदिवासी विश्रामगृह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत टिप्पणी से बचना चाहिए, हम हैं तो हैं, कोई मुफलिस परिवार से तो नहीं है। पिता राजनीति में थे, खेती बाड़ी भी है, परिवार सक्षम है। नेताम ने कहा कि अपने बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताम जी पूरा जीवन जी चुके हैं मुझे समझ नहीं आया कि इसका मतलब क्या है मेरे समान आदमी तो यही समझेगा कि अब ऊपर का टिकट कटाने का टाइम आ गया है। कहीं वो कहते हैं कि राजनीति छोड़ देना चाहिए मैं तो राजनीति बहुत पहले ही छोड़ दिया था, राहुल गांधी जी मुझको बुलाकर नहीं कहते तो मैं शायद राजनीति में नहीं होता, बेहतर है सीएम राहुल गांधी को बोल दें तो वैसे भी मैं छोड़ दूंगा क्योंकि मेरी सोच समाज में काम करने की रही है आज भी राजनीति में बहुत कम रुचि है।
5 लाख एकड़ में सिंचाई की बात अव्यवहारिक
राज्य सरकार पर बोधघाट परियोजना के बारे में भ्रमित करने का आरोप लगाया है। नेताम ने सरकार से पूछा है कि जब दक्षिण बस्तर का राजस्व रिकॉर्ड ही अपडेट नहीं है तो यह दावा कैसे कर रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट से 5 लाख एकड़ में सिंचाई होगी। उन्होंने कहा अक्टूबर में रायपुर में हुई बैठक में विधायक, जिपं सदस्यों के साथ उन्हें भी बुलाया गया था। उन्होंने इस बैठक में पूछा था कि 5 लाख एकड़ में सिंचाई की बात कही जा रही है इसका आधार क्या है? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्व में दो बार इस प्रोजेक्ट को रद्द कर चुकी है। विस्थापन के अलावा पर्यावरण भी बड़ा मुद्दा रहा है जो भारत सरकार के लिए महत्वपूर्ण था। उस समय भी कहा गया था कि इस परियोजना से सिंचाई व्यवहारिक नहीं है।
कमेटी बनाएं, बस्तर के विकास के लिए देंगे सुझाव
नेताम ने मुख्यमंत्री के उस बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने बस्तर विकास की कोई योजना हो तो उसे बताने को कहा था। नेताम ने कहा कि उनके पास 50 साल के राजनीतिक जीवन का निचोड़ है। केंद्र में कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने काफी अध्ययन किया है। यहां बहुत कुछ किया जा सकता है। यदि सीएम वास्तव में विकास के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें अफसरों की एक कमेटी बना देनी चाहिए, जिसे वे सुझाव देंगे।
बिना ग्रामसभा की स्वीकृति के उद्योग संभव नहीं
नेताम ने कहा कि अलग-अलग कानूनों का अध्ययन किए बिना बस्तर में उद्योग लगाने की बात बेमानी होगी। पेसा कानून के तहत ग्रामसभा तय करेगी कि यहां उद्योग लगेगा या नहीं, किस स्तर के उद्योग लगेंगे। कहीं निजी जमीन पर उद्योग लगा ही नहीं सकते। उन्होंने उद्योगपतियों से निवेदन किया कि पहले इन कानूनों को समझ लें कि यहां उद्योग संभव है या नहीं, इसके बाद ही इस दिशा में पहल करें।
पॉजिटिव- आज मार्केटिंग अथवा मीडिया से संबंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है, जो आपकी आर्थिक स्थिति के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। किसी भी फोन कॉल को नजरअंदाज ना करें। आपके अधिकतर काम सहज और आरामद...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.