शहर को सुंदर बनाने के नाम पर बिना कार्ययोजना के ही काम करने का प्रत्यक्ष प्रमाण बोधघाट चौक से रेलवे चौक तक देखने को मिल रहा है। तीन दिन पहले पीडब्ल्यूडी के अफसरों के साथ ही एसडीएम-तहसीलदार व प्रशासनिक अमला बोधघाट इलाके में जेसीबी लेकर पहुंचा, जहां तोड़फोड़ करने की कार्रवाई शुरू की गई। इस पर स्थानीय लोगों ने सड़क को डिवाइडर से 10 मीटर करने के लिए दोबारा तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है। जबकि पूर्व में इस सड़क को 9 मीटर करने पहले भी तोड़फोड़ की गई थी। मामले पर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे, भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता सहित अन्य नेताओं ने पहुंचकर प्रभावितों से बात की। प्रभावितों ने बताया कि वे विधायक, सांसद तक अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। इस दौरान गुप्ता ने एसडीएम को बताया कि सड़क निर्माण की योजना 7 साल पहले बनी और 4 साल पहले इसका बजट मंजूर कर टेंडर जारी किया गया। इसके बाद 2 साल पहले चौड़ीकरण व डिवाइडर लगाने का काम शुरू किया गया।
नगर निगम ने करीब 30 लाख रूपए की लागत से यहां नाली निर्माण भी करवाया। तकरीबन 5 महीने बाद विद्युत पोल शिफ्टिंग की गई। इसके बाद अब फिर से नाली से 2 मीटर तक अतिक्रमण हटाने का फरमान जारी कर दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष पांडे ने पीडब्ल्यूडी के ईई से आधा या एक मीटर तक चौड़ीकरण पर समझौता करने कहा। उन्होंने महापौर पर शहर सौंदर्यीकरण के नाम पर रुपयों का बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। इस दौरान राजाराम तोडेम, रोशन झा, गोविंद ईनाणी, रामकुमार मंडावी, स्थानीय प्रभावित शुभम अग्रवाल, जिप्टे ठाकुर, सौरभ अग्रवाल, धर्म कश्यप, भुनेश्वर यादव, मुश्ताक रजा सहित अन्य मौजूद थे।
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