बोधघाट परियोजना का विरोध करने हितालकुडुम आए 56 गांव के लोग 3 दिन बाद राजा डोकरा की पूजा कर लौटे। लौटते हुए ग्रामीणों ने कहा जमीन बचाने जब भी आंदोलन होगा हम फिर लौटेंगे। तीन दिवसीय परिचर्चा में 15 ग्राम पंचायत के 56 गांव के लोग शामिल हुए थे। परिचर्चा में शामिल हुए ग्रामीणों ने जमीन नहीं देने की बात एक सुर में कही। तीसरे दिन अरविंद नेताम , जयकिशोर शर्मा, सर्व आदिवासी समाज के दसरथ कश्यप भी पहुंचे थे सभी ने परियोजना का विरोध किया। बोधघाट परियोजना के लिए बनाई गई दंतेश्वरी जनजाति हित रक्षा समिति के सचिव रायतु मंडावी ने कहा अगला आंदोलन उग्र होगा जो जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे। अपनी जमीन बचाने हर लड़ाई लड़ने को हम तैयार हैं।
समिति के सभी सदस्यों को पुलिस का नोटिस, इधर लखमा बोले- अभी कुछ कहना जल्दबाजी
तीन दिन तक पूजापाठ के नाम पर अनुमति ले बोधघाट परियोजना का विरोध करने वाले समिति के सभी सदस्यों को पुलिस का नोटिस मिला। नोटिस में पारंपरिक हथियारों के साथ आये ग्रामीणों का भी उल्लेख है। दंतेश्वरी जनजाति हित रक्षा समिति के अध्यक्ष सुखमन ने कहा हितालकुडुम में राजा डोकरा का मेला 12 साल में लगता है। मेला के साथ परिचर्चा की अनुमति ली गई थी। बोधघाट परियोजना के विरोध में अरविंद नेताम हितालकुडुम पहुंचे तो बैलाडीला पहुंचे आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा बोधघाट की अभी सिर्फ चर्चा हो रही है, कांग्रेस सरकार बस्तर हित और आदिवासी हित में फैसला करेगी, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है।
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