छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के 11 मजदूरों को आंध्र प्रदेश में ठेकेदार ने बंधक बनाया था। जिसकी जानकारी बस्तर जिला प्रशासन को मिली थी। 23 सितंबर को जगदलपुर से लगभग 5 से 6 सदस्यीय रेस्क्यू टीम को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के ओंगोले भेजा गया था। जिन्होंने प्रकाशम जिला प्रशासन व पुलिस की मदद से सभी 11 मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से छुड़वा लिया है। वहीं शनिवार देर शाम टीम सहित सभी मजदूर जगदलपुर पहुंच गए हैं। फिलहाल मजदूरों से अभी पूछताछ चल रही है। जिसके बाद ही मामले का खुलासा हो सकेगा।
दरअसल, बस्तर जिले के तीरथगढ़, पेरमापारा और मामड़गढ़ के लगभग 15 मजदूर रोजी रोटी के लिए आंध्र प्रदेश गए थे। जहां एक ठेकेदार के पास रह कर सभी काम कर रहे थे। ठेकेदार सभी मजदूरों से दिन में 14 से 15 घंटे तक काम करवाता था। बदले में न तो पैसे दिए जा रहे थे और न ही खाना। जब उन्होंने ठेकेदार से काम नहीं करेंगे बोले तो गुस्साए ठेकेदार ने पहले सभी को अच्छे पकवान खिलाए, फिर एक अंधेरे कमरें में बंद कर सभी की बेदम पिटाई की थी। हालांकि मौका पा कर 15 में से 4 मजदूर भाग कर वापस बस्तर पहुंच गए थे।
जगदलपुर पहुंचे मजदूरों ने सबसे पहले विधायक रेखचंद जैन को इसकी जानकारी दी थी। विधायक ने कलेक्टर सहित SP को इस संबंध में त्वरित कार्रवाई करने को कहा था। जिसके बाद कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश पर एक टीम बनाई गई जिन्हें गोपनीय तरीके से मजदूरों का रेस्क्यू करने के लिए भेजा गया था। प्रकाशम जिले के कलेक्टर से टीम ने मुलाकात की और मजदूरों के बारे में जानकारी दी गई। प्रकाशम के कलेक्टर ने स्थानीय स्तर पर एक दल का गठन किया जिन्हें बस्तर की टीम के साथ मजदूरों को छुड़वाने के लिए भेजा गया था।
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