शहर के मध्य से होकर बहने वाली दूधनदी में बारिश के समय आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए रिटेनिंग वाल प्रस्तावित है। चार माह पहले इसके लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। चार महीने पहले इस काम के लिए मिली प्रशासकीय स्वीकृति के बाद मामला तकनीकी स्वीकृति में उलझ गया है। रिटेनिंग वाल बनने से शहर में बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा। दूधनदी में आने वाली बाढ़ को रोकने के उपाय में लंबे समय से शहरवासियों की ओर से इसकी मांग होती रही है। 2019 में दूधनदी के शहर तट में रिटेनिंग वाल बनाने की योजना बनी और इसे बजट में भी शामिल किया गया। बजट में शामिल करने के बाद लंबे समय तक मामला प्रशासकीय स्वीकृति के नाम पर अटका रहा। चार महीनों पहले ही इसके लिए 27 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिली, जिसके बाद फाइल तकनीकी स्वीकृति के लिए बढ़ाया गया, जो अभी तक लंबित है।
दो किलोमीटर से लंबी बनेगी रिटेनिंग वाल
दूधनदी तट में 2100 मीटर लंबी रिटेनिंग वाल बननी है। पुराना बस स्टैंड तट की ओर 1500 मीटर व राजापारा की ओर 600 मीटर में रिटेनिंग वाल बननी है। रिटेनिंग वाल की उंचाई नदी से 6 मीटर ऊंची रहेगी।
तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजी गई है फाइल
जल संसाधन विभाग के ईई एनके चौहान ने कहा कि रिटेनिंग वाल के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। तकनीकी स्वीकृति के लिए मुख्य अभियंता रायपुर को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद ही शासन से राशि का आवंटन मिल पाता है।
पिछले 10 वर्षों में दो बार आ चुकी है बाढ़
दूधनदी में उफान आने पर सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को होता है। मस्जिद से लेकर थाना तक की सड़क में पानी भर जाता है। पुराना बसस्टैंड के साथ डेली मार्केट की दुकानों में पानी घुस जाता है।
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