छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी किशन कांति टंडन को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले भी उन्हें तीन बार सस्पेंड किया जा चुका है। यह चौथी बार है, जब उन्हें निलंबित किया गया है। टंडन के खिलाफ कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता करने की शिकायत हुई थी। इसकी शिकायत की जांच में तथ्य सही पाए जाने के बाद विभाग ने यह कार्रवाई की है। अभी भी मामले में जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
कुछ समय पहले किशन कांती टंडन के खिलाफ अलग अलग मामले में गंभीर शिकायतें हुए थी। जिसमें अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह सामग्री क्रय में वित्तीय एवं कय नियमों का पालन न करना, वित्तीय अनियमितता तथा कमीशनखोरी करना, कम्प्यूटर, फर्नीचर खरीदी में भ्रष्टाचार करना, साथ ही वित्तीय अनियमितता बरते जाने की शिकायत राज्य स्तर पर हुई थी। जांच में इसे सही पाए जाने के बाद अपर सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर ने यह निलंबन आदेश जारी किया है।निलंबन अवधि में अधिकारी को राज्य स्तरीय संसाधन केन्द्र रायपुर मुख्यालय में अटैच किया गया है।
कलेक्टर का सिग्नेचर कर पैसे निकाल लिए
किशन कांती टंडन के खिलाफ कांकेर के तत्कालिन कलेक्टर केएल चौहान का फर्जी हस्ताक्षर कर रकम निकालने का भी आरोप लगा था। कलेक्टर के ट्रांसफर के बाद अधिकारी ने पेंडिग पड़े बिल वाउचर में तत्कालीन कलेक्टर के हस्ताक्षर कर रकम निकाल लिया था। इस मामले में भी अभी जांच जारी है। इसकी शिकायत होने जब अधिकारी से उस दस्तावेज की मांग की गई तो उन्होंने जांच टीम को वह उपलब्ध नहीं कराया। इसे लेकर भी जांच जारी है।
7 महीने जेल में भी रहा
अधिकारी किशन कांती टंडन का यह चौथी बार निलंबन आदेश जारी हुआ है। इसके पहले वे कोरबा, कवर्धा व जगदलपुर में पदस्थ रहने के दौरान वित्तीय गड़बड़ी करने के आरोप में निलंबित हो चुके हैं। जगदलपुर में हुई शिकायत के बाद हुई एफआईआर पर उन्हें जेल भी भेजा गया था। वह 7 महीने तक रायपुर जेल में बंद थे।
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