पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से वनांचल क्षेत्र में रबी फसलें खराब हो गई है। बारिश का पानी खेतों में भरा हुआ है, जिससे चना फसल बर्बाद हो चुकी है। वहीं अरहर पूरी तरह से सूख गए हैं। वनांचल क्षेत्र के 3 गांवों में 28 हेक्टेयर यानी करीब 56 एकड़ रबी फसल खराब हो गई है।
कृषि विभाग के टोल फ्री नंबर पर पीड़ित किसानों ने शिकायत की थी। इस पर रविवार को कृषि विस्तार अधिकारी क्षेत्र में फसलों का निरीक्षण करने पहुंचे। अधिकारी ने पाया कि चना लगे खेत में पानी भरा हुआ है। अरहर की फसल भी खराब हो गई है, जिससे तोड़कर किसान अधिकारी को दिखाने लगे। बेमौसम बारिश के कारण फसलों के खराब होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। निरीक्षण के लिए गांव पहुंचे कृषि विस्तार अधिकारी को किसानों ने जल्द से जल्द सर्वे कर मुआवजा दिलाने मांग की है। कृषि विस्तार अधिकारी ने बोई गई फसलों की सूची बनाकर सर्वे करने की बात कही है।
धवईपानी के 12 हेक्टेयर में मटर व मसूर खराब
निरीक्षण के लिए पहुंचे अधिकारी ने बताया कि ग्राम बेंदा में 10 हेक्टेयर रकबे में मसूर व मटर की बोआई हुई है। वहीं जामपानी में 6 हेक्टेयर खेत में मटर, मसूर की बोनी की गई थी, जो पानी में डूब गई है। मध्यप्रदेश की सीमा से लगे ग्राम धवईपानी में भी 12 हेक्टेयर खेत में लगी मटर, मसूर की फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है। किसान छतर सिंह, टीका लाल, रामाधार यादव, सिद्धू सिंह सहित अन्य किसानाें ने मुआवजे की मांग की है।
वर्ष 2020 में 509 गांवों में खराब हुईं थीं फसलें
इससे पहले बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से वर्ष 2020 में रबी फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा था। रिपोर्ट के अनुसार पूरे जिले के 509 गांव में लगे रबी फसल को नुकसान हुआ था। इसमें करीब 87 हजार हेक्टेयर में से 37,706 हेक्टेयर रबी फसल खराब हुआ था। इससे 37,408 किसान प्रभावित हुए थे। वहीं नुकसान का आंकलन करीब 38 करोड़ रुपए से ज्यादा का था।
फसल नुकसान की सूचना टोल फ्री नंबर पर दें किसान
कबीरधाम जिले में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश हुई। इससे रबी फसलों को नुकसान हुआ है। इसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गेंहू, चना व अलसी फसलों को नुकसान होने की स्थिति में बीमित किसान को दावा भुगतान का प्रावधान है। इसके तहत बीमित किसान को फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी, कृषि विभाग, राजस्व विभाग व बैंक को घटना के 72 घंटे के भीतर दिया जाना आवश्यक है। कृषि उपसंचालक एमडी डड़सेना ने बताया कि किसानों को फसल क्षति के संबंध में बीमा कंपनी को सीधे टोल फ्री नंबर 1800-209-5959 या कंपनी के फॉर मित्र एप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को भी फसल क्षति की लिखित सूचना निर्धारित समयावधि 72 घंटे के भीतर बीमित फसल के ब्योरे एप्लीकेशन आईडी, खाता नंबर, आधार नंबर व मोबाइल नंबर सहित दे सकते हैं।
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