छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रविवार को हुए उपद्रव के बाद सोमवार को शहर के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से एक दिन की छुट्टी करने का आदेश जारी हुआ है। इस दौरान होने वाली ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षाओं को भी निरस्त कर दिया गया है। क्षेत्र में अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसे देखते हुए देर रात पुलिस ने शहर में फ्लैग मार्च भी निकाला। जिले में पहले से ही धारा-144 लागू है।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि कवर्धा में संचालित सभी शासकीय-अशासकीय स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, महाविद्यालय और सभी कोचिंग संस्थान 4 अक्टूबर को एक दिन के लिए पूरी तरह बंद रहेंगे। दुर्ग यूनिवर्सिटी से जुड़े संस्थानों की ऑनलाइन परीक्षा को छूट दी गई है। उन्होंने आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए DEO, बाल विकास अधिकारी और महाविद्यालय के प्राचार्यों को आदेशित किया है।
भाजपा नेताओं का आरोप- पुलिस नहीं संभाल सकी स्थिति
उपद्रव के बाद शांति स्थापित करने के लिए पुलिस और स्थानीय नेताओं की बैठक भी बुलाई गई। इसमें IG विवेकानंद सिन्हा खुद भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि बैठक में आए एक भाजपा नेता का पुलिसकर्मियों से विवाद भी हो गया। आरोप लगाया कि पुलिस स्थिति को संभाल नहीं सकी। हालात पहले से संवेदनशील थे, लेकिन पुलिस इंटेलीजेंस फेल रहा। फिलहाल जिले में रह चुके पुराने अफसरों को भी सहयोग के लिए बुलाया जा रहा है।
झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ था हंगामा
पूरा विवाद वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ था। रविवार दोपहर कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया। इसी बात को लेकर दो गुटों के युवक सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उतर आए। एक दूसरे को पीटा। पत्थरबाजी हुई। पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। मारपीट में 8 लोग घायल हुए हैं। इनका इलाज कवर्धा के अस्पताल में कराया जा रहा है। हालांकि शहर में अब शांति है।
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