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समीपस्थ ग्राम मोहरेंगा स्थित इंदिरा नेचर सफारी का उदघाटन सीएम भूपेश बघेल, मोहम्मद अकबर व विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने 18 नवंबर को किया था। ग्रामीणों सहित दूरदराज के लोगों में इससे काफी उत्साह था कि मनोरंजन का नया साधन मिल गया है लेकिन जानकर आश्चर्य होगा कि सफारी में अभी जानवर पहुंचे ही नहीं हैं तथा काफी काम बचा है जिससे पर्यटक निराश होकर लौट रहे हैं। नेचर सफारी का रास्ता दर्शाता कहीं भी साइन बोर्ड तक नहीं लगा है जिससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को समस्या हो रही है। वहीं मेन रोड से अंदर जाने का जो कच्चा रास्ता है वह भी बहुत खराब है जिसमें धूल के कारण आने-जाने वालों को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। 1450 एकड़ में निर्मित नेचर सफारी के लिए एक पार्किंग तक का निर्माण नहीं हुआ है। कहा गया था कि यहां अनेक प्रकार के जानवर देखने को मिलेंगे परंतु अभी तक जितने पर्यटक गए हैं उनमें से किसी ने भी कोई जानवर नहीं देखा। जैसा कि कहा गया था बाहर से कोई जानवर अभी तक नहीं लाया गया है और यही वजह है कि नेचर सफारी में व्यक्ति एक दो घंटे से ज्यादा रहने में बोर महसूस करता है। घूमने आए लगभग सभी पर्यटकों ने प्राकृतिक आकर्षण की बात तो कही पर साथ ही कहा कि गार्डन, जंगल एरिया, जिप्सी के अलावा कोई विशेष आकर्षण का केंद्र नहीं है। मंगलवार को विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा ने सफारी का दौरा किया व जंगल समिति की बैठक ली। उन्होंने कई खामियों को जल्द सुधारने की बात कही।
कैंटीन भी 3 दिन बाद खुली पर खाना अच्छा
बताना जरूरी है कि जब नेचर सफारी का उद्घाटन 18 नवंबर को हुआ तब वहां कैंटीन भी नहीं खुली थी जिसे 3 दिन बाद 21 नवंबर को खोला गया, जबकि प्रचार ऐसा किया गया था कि जानवरों, कैंटीन, पार्किंग सहित सारी व्यवस्थाएं पहले से मौजूद हैं। वनदेवी स्व सहायता समूह द्वारा इसे चलाया जा रहा है जहां के खाने की लोगों ने तारीफ भी की। कैंटीन में फरा,चीला, ठेठरी, खुरमी, अरसा, इडली, पूड़ी-छोले जैसे व्यंजन मिल रहे है जो 20 रुपये प्रति प्लेट है। भरपेट दाल-चावल, सब्जी 100 रुपए प्रति प्लेट की दर से उपलब्ध है। हालांकि पर्यटकों के मुताबिक इसमें रोटी को भी शामिल किया जाना चाहिए।
हिरण बाहर से मंगाएंगे, बाकी जानवर यहीं हैं जिन्हें दिखाने की व्यवस्था की जा रही : रेंजर
डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी ने बताया कि कई जानवर जंगल के अंदर पहले से ही हैं, जैसे हिरण, बारहसिंघा, जंगली सुअर, चीतल, लोमड़ी, खरगोश, अजगर व कई प्रकार के पक्षी। इन्हें जंगल के चारों तरफ बाउंडरी बनाकर ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि ये सब दर्शकों को आसानी से दिख सकें। हिरण जैसे जानवर जंगल परिसर में अधिकारियों की सलाह के बाद मंगाए जाएंगे, यहां सिर्फ शाकाहारी जानवर ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही जगह-जगह साइन बोर्ड लगेेंगे व पार्किंग व रास्ते का भी जल्द निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि बाकी नेचर पार्क जहां हर सोमवार को बंद रहते हैं, वहीं यह सप्ताह में सातों दिन खुला रहेगा।
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