छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में बीजेपी समर्थित जनपद प्रत्याशियों को पंचायत चुनाव के 23 महीने बाद जीत मिली है। परिणाम आए तो दोनों को जीत की बात कहकर अगले दिन सर्टिफिकेट देने को कहा और घर भेज दिया गया। मगर रातो-रात जीत का प्रमाणपत्र कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को दिया गया। पूरे मामले का पता चलने के बाद बीजेपी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अब कोर्ट ने कहा है कि बीजेपी समर्थित प्रत्याशी ही चुनाव में जीते हैं।
दरअसल, जनवरी 2020 में राज्यभर में पंचायत चुनाव हुए थे। जनपद पंचायत के चुनाव भी उस दौरान हुए। बीजेपी ने कोंडागांव जिले के वार्ड 24 से गुनसी कश्यप, वार्ड 16 से दीपका कोर्राम को समर्थन दिया था। इसके लिए 28 जनवरी 2020 को मतदान हुआ। परिणाम 30 जनवरी को आए। रिजल्ट आए तो आयोग ने दीपिका कोर्राम को 16 वोट और गुनसी कश्यप को 65 वोटों से जीतने की जानकारी दी। उनसे कहा गया कि अगले दिन आकर जीत का सर्टिफिकेट ले लीजिएगा। यह सुनकर दोनों उस रात को ही चले गए थे।
हारे हुए प्रत्याशियों को मिला प्रमाणपत्र
वहीं उसी रात को दोनों को उनके वॉट्सऐप के माध्यम से जानकारी मिली की जीत का प्रमाणपत्र हार चुके कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी खोमेश्वरी ठाकुर और प्रमिला बघेल को दे दिया गया है। जबकि 30 जनवरी को आए परिणाम में खोमेश्वरी ठाकुर 16 और प्रमिला बघेल 65 वोटों से चुनाव हार चुकी थीं।
आप लोग हार चुके हैं
इस मामल में बीजेपी नेताओं ने रिटर्निंग ऑफिसर से भी बात की थी और जिला निर्वाचन अधिकारी से भी शिकायत की थी। तब उन्होंने कहा था कि फैसला बदला नहीं जा सकता। आप कोर्ट के माध्यम से आइए। आप लोग हार चुके हैं। इसके बाद बीजेपी नेताओं ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने नेताओं से इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा। फिर इस मामले में जिला कलेक्टर कोर्ट में भी सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद गणना पर्ची का मिलान हुआ और जिसमें पाया गया कि बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों ने ही चुनाव जीता था।
कार्रवाई की अनुशंसा
कोर्ट ने अब 18 और 25 दिसंबर को दोनों ही प्रत्याशियों के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके अलावा कोर्ट ने तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर UK मानकर के खिलाफ भी कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।
कांग्रेस विधायक के दबाव में ये किया गया
इस मामले में फैसला आने के बाद अब बीजेपी नेता भी कांग्रेस पर हमलावर हैं। इस संबंध में कोंडागांव में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की घई। जिसमें बीजेपी नेताओं ने सरकार और कांग्रेस विधायक के दबाव में यह फैसले लेना का आरोप लगाया।
कोंडागांव से इस समय छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक मोहन मरकाम विधायक हैं। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने का कांग्रेस पार्टी का पुराना इतिहास रहा है। सीधे तरीके से ये जीत नहीं सकते इसलिए गड़बड़ी करके चुनाव जीतना चाहते हैं।
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