रायपुर के देवेंद्र नगर पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में 12 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक हस्तशिल्प और हथकरघा सामानों की खरीद-बिक्री के लिए 'दीपावली प्रदर्शनी' लगाई गई है। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में काफी संख्या में लोग आ रहे हैं।
यहां लोगों के पास हैंडमेड सामानों की कई वरायटी मौजूद है। इस मेले में दुकानें सुबह 11 बजे से लेकर रात 9 बजे तक खुली रहेंगी। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के अधिकारी केएल धुर्वे ने बताया इस प्रदर्शनी की थीम दीपावली महोत्सव- 2022 रखा गया है। इसमें ढोकरा शिल्प, काष्ठ, गोदना, कालीन, छींद, कांसा और कौड़ी शिल्प जैसी कई कलाकृतियां देखने को मिल रही हैं। यहां बर्तन, होम डेकोरेटिव आइटम्स, बेंत की कुर्सियां और सोफा सेट भी रखे गए हैं, जो लोगों को लुभा रहे हैं।
यहां अलग-अलग तरह के कपड़ों का भी अच्छा-खासा कलेक्शन है। दीपावली प्रदर्शनी में साड़ी, सलवार-सूट, रंग-बिरंगे दुपट्टे, बेडशीट, हैंडलूम के कपड़े हैं। सरगुजा नारी शक्ति ग्रुप ने गोदना डिजाइन को बेडशीट और साड़ियों में उकेरा है। जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। मां दंतेश्वरी शिल्प समूह ने सागौन, सिवान, खम्हार लकड़ियों की बनी सुंदर मूर्तियों का भी स्टॉल लगाया है। साथ ही जशपुर हैंडीक्राफ्ट की महिला ग्रुप ने छीन और कासी से बनी टोकनी, टोपी और हॉटपॉट का स्टॉल लगाया है। हाथ से बने पीतल और ब्रास धातु की मूर्तियां भी प्रदर्शनी में देखने को मिल रही हैं।
यहां पर 75 से अधिक स्टॉल और एक फूड जोन भी है। जहां लोग छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं। दिवाली को देखते हुए यहां पर खरीदारी के लिए शिल्पकला, हाथकरघा वस्त्र और साज-सज्जा की सामग्रियां उपलब्ध हैं। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्पियों और बुनकरों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है। 25 बुनकर समितियों ने मेले में अपने स्टॉल लगाए हैं। माटी शिल्प की विभिन्न सजावटी सामान, उपयोगी सामग्रियों के साथ 10 माटीकला शिल्पकार, खादी बोर्ड के 2 और बिलासा के 1 हितग्राही अपने उत्पादों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन और विक्रय कर रहे हैं।
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