छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए केस दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं। रायपुर के 752 समेत प्रदेश में कोरोना के 2400 नए मरीज मिले हैं। इनमें एम्स के 33 केस शामिल हैं। एक साथ 33 इंटर्न डाॅक्टर के साथ तीन सीनियर डॉक्टर पॉजिटिव निकल गए। इस बीच, प्रदेश में एक मरीज की मौत भी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार एम्स के हॉस्टल में संक्रमित 33 इंटर्न स्टूडेंट में 19 छात्र और 14 छात्राएं हैं। प्रदेश में इस महीने में अब तक 50 से अधिक डॉक्टर और हेल्थ वर्कर पॉजिटिव हो चुके हैं। एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर ने भास्कर को बताया कि सभी स्टूडेंट्स को माइल्ड यानी हल्के लक्षण हैं। उन्हें हॉस्टल में ही आइसोलेट कर इलाज दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर हमेशा एक्सपोजर में रहते हैं, इसलिए उनको सबसे ज्यादा रिस्क रहता है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी संक्रमित हो गए हैं।
तेजी से फैल रहा संक्रमण आर वैल्यू एक से ज्यादा
प्रदेश में अचानक केस क्यों बढ़ रहे हैं, इस पर कम्युनिटी मेडिसिन के एक्सपर्ट डॉ. निर्मल वर्मा का कहना है कि प्रदेश में अब संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, वो ये बता रहा है कि आर वैल्यू यानी संक्रमण के फैलाव की दर अब 1 प्रतिशत से अधिक हो गई है। हालांकि इसकी स्टडी अभी करनी होगी। रायपुर समेत अधिकांश शहरों में एक ही परिवार के कई सारे लोग संक्रमित हो रहे हैं, जो ये बताता है कि आर वैल्यू यानी रीप्रोडेक्शन वैल्यू अब बढ़ रही है।
एंटीबॉडी में कमी आई अब बूस्टर डोज की बारी
हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्करों को टीके पिछले साल जनवरी में लगे थे। वैक्सीन से जो एंटीबॉडी मिली थी, उससे सुरक्षा में कमी आ रही है, यही वजह है कि इन दिनों हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। वैक्सीनेशन के लिए जो क्रम बनाया गया है, इससे अब बूस्टर डोज की बारी आ रही है, इसलिए हेल्थ, फ्रंट लाइन और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को बूस्टर डोज जरूर लेना चाहिए।
-डाॅ. नितिन एम. नागरकर, डायरेक्टर, एम्स रायपुर-भोपाल
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