छत्तीसगढ़ के पौराणिक तीर्थ शिवरीनारायण में भगवान राम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का बुधवार को अनावरण हो गया। यह प्रतिमा महानदी के घाट पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देर शाम अनावरण के बाद प्रतिमा का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत स्थापित भगवान की यह दूसरी प्रतिमा है। इससे पहले रायपुर जिले के चंदखुरी में कौशल्या माता मंदिर के पास भगवान राम की एक प्रतिमा लगाई जा चुकी है।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत चंद्रपुर और पामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में गये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शाम को शिवरीनारायण पहुंचे। वहां उन्होंने भगवान राम की प्रतिमा का अनावरण किया। महंथ राम सुंदरदास के निर्देशन में उन्होंने भगवान राम की पूजा-अर्चना की। बाद में वे महानदी की आरती में भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ का संकल्प लिया था। शिवरीनारायण में भगवान शिवरीनारायण हजारों साल से विराजे हैं।
यहां के भी सौंदर्यीकरण , घाट के सौंदर्यीकरण के बाद आज भगवान राम की विशाल प्रतिमा की भी स्थापना हुई है। इससे शिवरीनारायण की भव्यता में चार चांद लगा दिये हैं। बाद में मुख्यमंत्री नदी के घाट पर जाकर महानदी की आरती में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने शिवरीनारायण में घाटों का नामकरण मर्यादा पुरुषोत्तम राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, लव-कुश और मां सीता के नाम पर करने की घोषणा भी की।
ग्वालियर सैंड स्टोन से बनी है भगवान की प्रतिमा
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया, भगवान राम की यह प्रतिमा ग्वालियर सैंड स्टोन से बनाई गई है। यह काफी मजबूत पत्थर होता है। अनुमान है कि इससे बनी प्रतिमाएं दो हजार साल तक वैसे ही रह सकती हैं।
साढ़े चार महीने में बनाई गई है प्रतिमा
इस प्रतिमा को बनाने में 15 से अधिक मूर्तिकार लगे थे। करीब साढ़े चार महीने की मेहनत के बाद इस प्रतिमा ने आकार लिया है। इसको बनाने में 35 लाख रुपयों का खर्च आया है। पर्यटन विभाग पूरे राम वन गमन पर्यटन परिपथ पर ऐसी 9 प्रतिमाएं लगाने की तैयारी में हैं।
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