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शनिवार को राज्य सरकार ने धान खरीदी से जुड़ा एक अहम आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक इस साल 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की गई है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक हुई धान खरीदी का ये सबसे अधिक आंकड़ा है। इस साल पंजीकृत 21 लाख 52 हजार 475 किसानों में से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा है।
पिछले 6 सालों के आंकड़े
राज्य में अगर पिछले 6 सालों के आंकड़ों की स्थिति कुछ यूं है-
वर्ष 2015-16 में 13 लाख 17 हजार 583 पंजीकृत किसानों में से 11 लाख 5 हजार 556 किसानों ने अपना धान बेचा है, जो कुल पंजीकृत किसानों का 83.9 प्रतिशत है। 2016-17 में कुल पंजीकृत 14 लाख 51 हजार 88 किसानों में से 13 लाख 27 हजार 944 किसानों ने धान बेचा, जिसका प्रतिशत 91.5 है।
2017-18 में पंजीकृत 15 लाख 77 हजार 332 किसानों में से 12 लाख 6 हजार 264 किसानों ने धान बेचा, जो 76.4 प्रतिशत है। 2018-19 में पंजीकृत 16 लाख 96 हजार 765 किसानों में से 15 लाख 71 हजार 414 किसानों ने धान बेचा, जो 92.6 प्रतिशत है। 2019-20 में पंजीकृत 19 लाख 55 हजार 544 किसानों में से 18 लाख 38 हजार 593 किसानों ने अपना धान बेचा है, जो 94.02 प्रतिशत होता है। इस साल धान बेचने वाले किसानों का प्रतिशत 95.38 है।
5750 करोड़ की मदद
कृषि विभाग की तरफ से कहा गया है कि सरकारी योजनाओं की वजह से बड़ी तदाद में ऐसे किसान भी खेती से जुड़े जो ये काम छोड़ चुके थे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की कृषि सहायता राशि मिलने से किसानों का उत्साह बढ़ा है। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 5750 करोड़ रूपए की सीधी मदद दी जा रही है। तीन किश्तों की राशि किसानों के खातों में डाली गई है। चौथी भी किश्त की राशि मार्च तक भेजी जाएगी।
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