गुपचुप तरीका, भला काम:16-17 साल के किशोरों का एक ग्रुप खेल-खेल में आईटी रिसर्चर के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी करने वालों से बचा रहे

रायपुरएक वर्ष पहलेलेखक: प्रमोद साहू
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16-17 साल के 6 युवा और वो भी देश के अलग-अलग हिस्सों से। इन्हें लेकर रायपुर की एक आईटी एक्सपर्ट गोपिका बघेल ने बनाया रूट साइबर आर्मी। ये ग्रुप ऑनलाइन ठगी करने वालों को पकड़ने में पुलिस की मदद कर रहा है। वेबसाइट्स, ठग एप, लिंक्स इत्यादि के जरिए लोगों के खातों में सेंध लगाने वालों से बचा रहा है।

रायपुर में पिछले एक साल में 2300 से ज्यादा लोग ठगी का शिकार हुए हैं। इस तरह की ठगी से बचाने और साइबर क्रिमिनल को रोकने के लिए युवाओं का एक ग्रुप काम कर रहा है। युवाओं के इस ग्रुप ने अब तक 4000 से ज्यादा एप, वेबसाइट और लिंक्स को हटवाया या बैन कराया है।

फर्जी कॉल सेंटर
गुड़गांव में दो माह पहले दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था, जो इंस्टेंट लोन के नाम पर ठगी कर रहे थे।
भड़काऊ एप हटवाए
पाकिस्तान, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान के हैकर्स द्वारा चलाए जा रहे कई वेबसाइट और एप को लिंक को हटाया गया है, जो फेंक न्यूज चला रहे थे।

पहचान छिपाते हैं

इनसे मदद मांगने पर ऑनलाइन इस तरह से सामने आते हैं।
इनसे मदद मांगने पर ऑनलाइन इस तरह से सामने आते हैं।

सोशल मीडिया में सक्रिय युवाओं को दी नई दिशा
रायपुर की रहने वाली गोपिका बघेल साइबर कंसल्टेंट और रिसर्चर हैं। रिसर्च के दौरान पाया कि लोग साइबर ठगी का बड़े पैमाने में शिकार हो रहे हैं। बैंक और पुलिस से जुड़े लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने देखा कि 16-17 साल के लड़के सोशल मीडिया में बहुत ज्यादा सक्रिय रहते हैं।

गोपिका बघेल
गोपिका बघेल

आईटी की उन्हें अच्छी जानकारी है, लेकिन वे गलत दिशा में बढ़ रहे हैं। ऐसे 5 लड़कों से उन्होंने संपर्क किया। उनकी काउंसिलिंग की और 2020 में उन्हें लेकर रूट साइबर आर्मी ग्रुप बनाया। उनकी टीम में रायपुर के अलावा एमपी के केतन इंदौरी, यूपी के सुजल त्यागी, समीर और बंगाल से फरहान हुसैन जुड़े हुए हैं।

भड़काऊ पोस्ट हटाने का भी काम
रूट साइबर आर्मी ठगी के अलावा सोशल मीडिया पर भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले पोस्ट को लेकर काम कर रही है। ऐसे पोस्ट को चिन्हित करके अकाउंट को ब्लॉक कराते हैं। उनकी जानकारी निकालकर भारत सरकार और पुलिस को देते हैं। 500 से ज्यादा ऐसे अकाउंट को बंद कराए हैं। 600 से ज्यादा ठगी की साइट को हटवाया है। 300 फेक न्यूज सेंटर को बंद कराया है। 400 मार्किंंग इंस्टाग्राम पर भी बैन कराए हैं।

लोगों को ठगी से बचाना उद्देश्य
रूट साइबर आर्मी के सदस्यों ने बताया कि ठग लोगों की जीवनभर की पूंजी एक झटके में उड़ा देते हैं। लोगों को ठगी से बचाना उनका उद्देश्य है। वे अपने सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं। ठगी के नए-नए तरीकों पर उनकी नजर रहती है। उस पर रिसर्च करके भारत सरकार को रिपोर्ट भेजते हैं। गूगल समेत अन्य कंपनियों को ठगी की जानकारी दी जाती है। ठगी के शिकार कोई भी इस ग्रुप से @root.cyberarmy पर संपर्क कर सकते हैं।