छत्तीसगढ़ पुलिस के सस्पेंड सीनियर IPS अफसर जीपी सिंह को शुक्रवार शाम को कोर्ट में पेश किया गया। जीपी सिंह को लीना अग्रवाल की अदालत में पेश किया गया। पुलिस की तरफ से कहा गया कि जीपी सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। 5 दिनों की रिमांड पुलिस की तरफ से मांगी गई। अदालत ने 4 दिनों की रिमांड स्वीकृत कर दी।
अदालत से बाहर आते हुए जीपी सिंह ने कहा ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस है , मैं शुरू से कह रहा हूं। नागरिक आपूर्ति निगम की जांच कर रहा था तब गवाहों को हॉस्टाइल करने कहा गया, इस मामले में रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने कहा गया। जांच में सहयोग न करने के सवाल पर जीपी सिंह ने कहा मैंने खुद कहा है, रिमांड जितनी चाहिए ले लो, और 15 दिन चाहते हैं तो ले लो।
जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडे ने बताया कि जीपी सिंह की रिमांड पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, अदालत ने 18 तारीख दोपहर दो बजे तक उन्हें रिमांड पर भेजा है। रिमांड अवधि पूरी होगी तो हम जमानत का आवेदन करेंगे। जीपी सिंह के वकील ने भी उन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित प्रकरण बताया। इससे पहले बुधवार को जीपी सिंह को कोर्ट में पेश किया गया था। तब अदालत ने दो दिनों की रिमांड पर भेजा था। जीपी सिंह ने दो रातें ACB के दफ्तर में ही बिताईं। दफ्तर में ही उनके सोने के लिए बेड का बंदोबस्त किया गया था, यहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि जीपी सिंह से उनके घर से जब्त की गई संपत्ति के दस्तावेज और अन्य सबूतों के बारे में फिर से पूछताछ करेगी। जीपी सिंह ने जांच में सहयोग करने का भरोसा दिलाया है।
जीपी बोले- FIR ही गलत
दो दिन पहले कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान जीपी सिंह कह चुके हैं कि जो FIR उनके खिलाफ दर्ज की गई है वो पूरी तरह से गलत है। जो संपत्ति उनके नाम बताई जा रही है वो उनकी नहीं है और ना ही उनका उससे कोई लेना-देना है। उन्होंने तब कहा था कि ये पूरा केस फैब्रीकेटेड (रचा हुआ) है।
इस वजह से जीपी पुलिस कस्टडी में
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