छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक अमलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने शुक्रवार को कटघोरा वन मंडल के चैतमा परिक्षेत्र में पदस्थ रेंजर मृत्युंजय शर्मा को निलंबित कर दिया। इधर सूरजपुर और जशपुर जिलों में तीन ग्राम पंचायत सचिवों को भी निलंबित किया गया है। इन तीनों पंचायत सचिवों पर भ्रष्टाचार और कदाचरण के आरोप लगे थे।
वन विभाग के मुखिया संजय शुक्ला ने शुक्रवार को रेंजर का निलंबन आदेश जारी किया। इसके मुताबिक रेंजर मृत्युंजय शर्मा मार्च 2016 से मार्च 2018 तक पाली परिक्षेत्र में डिप्टी रेंजर के पद पर थे। उस दौरान कन्हैयापारा, चनवारीपारा, कोडार, कर्रानवापार, कर्रानवाडीह कर्रापरसापानी और जमनीपानी में पौध रोपण और तालाब आदि निर्माण कराया गया था। इसमें चार करोड़ 51 लाख 40 हजार से अधिक का व्यय दिखाया गया।
इसकी शिकायत के बाद विभाग ने जांच कराई। जून 2022 में आए जांच रिपोर्ट में पता चला कि उन जगहों पर केवल तीन करोड़ 13 लाख 25 हजार 551 रुपए खर्च होने के ही प्रमाण हैं। यानी एक करोड़ 38 लाख 14 हजार 503 रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। यही नहीं तालाब और पक्का चेकडैम के निर्माण में कोई डीपीआर तैयार नहीं की गई, उसकी अनुमति नहीं ली गई। इस रिपोर्ट के आधार पर PCCF ने रेंजर मृत्युंजय शर्मा के निलंबन का आदेश जारी किया है।
फर्जी मस्टररोल पर सात लाख का भुगतान
सूरजपुर जिले की ग्राम पंचायत जूर में डबरी खोदाई हुई थी। अनियमितता की शिकायत पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के एसडीओ ने जांच की। बताया गया, भैयाथान जनपद के ग्राम पंचायत जूर में पदस्थ पंचायत सचिव मो. अबिदुल हक अंसारी ने शिवधारी, धर्मपाल, रामदीन, निशा, आयशा खातून, जयराम, वारिश अफी, मो. अफी के निजी भूमि पर मनरेगा से डबरी खोदाई की बात दर्शाई थी। इस काम के लिए एक फर्जी मस्टर रोल जारी कर सात लाख 58 हजा 296 का भुगतान कर दिया। जांच में पता चला कि इन जमीनों पर डबरी को खोदाई हुई ही नहीं है। विभाग ने पंचायत सचिव को नोटिस दिया था। संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलने पर मोहम्मद अब्दुल हक अंसारी को निलंबित कर दिया गया।
छात्राओं-महिलाओं को घर पहुंचाना था, पीने लगे शराब
जशपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेन्द्र यादव ने बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत लोरो के सचिव मंगतु राम और ग्राम पंचायत तोरा के सचिव राम श्रवण यादव को निलंबित किया है। बताया गया, 23 से 25 नवम्बर तक छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित थी। इसमें शामिल होने आईं कॉलेज छात्रा और महिला खिलाड़ियों को उनके गांव पहुंचाने की जिम्मेदारी इन सचिवों पर थी। गांव वापस लौटते समय मंगतु राम एवं रामश्रवण ने गाड़ी रोककर शराब पी।
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