ओडिशा और राजस्थान सरकारों ने अनियमित सरकारी कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ में भी इसके लिए सरकार पर दबाव बनाने की राजनीति शुरू है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने इसके लिए कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है।
कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने की बधाई देते हुए अमित जोगी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का ध्यान अनियमित कर्मचारियों के मुद्दें की ओर दिलाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में एक लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारी हैं। कांग्रेस ने 2018 के चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था।
तीन वर्ष पूर्व 11 दिसंबर 2019 को सरकार ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया के तहत एक समिति गठित की थी। आज तक वह समिति भी कुछ नहीं कर सकी। 2021 में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। उसके बाद भी इसका आदेश नहीं हो पाया। इसकी वजह से कर्मचारी संगठन आंदोलन भी चला रहे हैं। अमित जोगी ने मल्लिकार्जुन खड़गे से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से राज्य सरकार को निर्देशित करने का आग्रह किया है, ताकि वह भी ओडिशा और राजस्थान की तरह कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला करे।
छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारियों को सरकार नियमित करने के मूड में है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कर्मचारियों के सेटअप, वेतन , कर्मचारियों की योग्यता, आरक्षण नियमों से जुड़ी जानकारी सरकार जुटा रही है। इसलिए प्रदेश के हर विभाग को जानकारी भेजने के निर्देश जारी किए गए थे। ये निर्देश सामान्य प्रशासन के अवर सचिव एसके सिंह की तरफ से जारी किए गए थे। सिंह ने अपने पत्र में कहा था - सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव से अपने विभागों के कर्मचारियों की जानकारी दें। इसमें निगम, मंडल, आयोग, संस्था, कार्यालय में काम कर रहे अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और संविदा में काम कर रहे लोग शामिल होंगे।
यह जानकारियां मांगी गई थीं
इस वजह से शुभ संकेत
छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी संगठन से जुड़े रवि गढ़पाले ने बताया था कि इससे पहले सरकार संख्यात्मक रूप से जानकारियां लेती रही है, मगर यह पहली बार है जब भर्ती के नियमों, आरक्षण, वेतन से संबंधित जानकारी मांगी गई है। हो सकता है कि अभी सरकार जल्द ही नियमितीकरण का नियम बनाकर कर्मचारियों को नियमित करें। ये हमने जो पिछने दिनों आंदोलन किया उसका असर है।
रवि ने आगे कहा कि ऐसे में हम कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि सभी कर्मचारियों की सही जानकारी शासन तक भेजी जाए । कोई भी कर्मचारी छूटे ना ताकि उसे नियमितीकरण का अधिकार मिल सके। प्रदेश में सभी विभागों में काम करने वाले 1 लाख 80000 अनियमित कर्मचारियों से जुड़ा हुआ मामला है । रवि ने बताया कि अनियमित कर्मचारी के तहत दैनिक वेतन भोगी, मानदेयकर्मी, संविदा, ठेका और अंशकालीन कर्मचारी आते हैं।
भाजपा भी कर चुकी है वादा
पिछले दिनों रायपुर में लगातार हुए अनियमित कर्मचारियों के आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि लगभग 40,000 अनियमित कर्मचारियों को उनकी सरकार में नियमित किया था। अगर आने वाले समय में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी तो पहली चिंता अनियमित कर्मचारियों की करेंगे।
दो दिन पहले राजस्थान ने किया है बड़ा फैसला
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा, ओडिशा सरकार ने एक सप्ताह पहले लगभग 57 हजार अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दीपावली का उपहार दिया है। दो दिन पहले ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी लगभग 1 एक लाख 10 हजार अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। छत्तीसगढ़ को इन दोनों राज्यों का अनुसरण करना चाहिए।
शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री की ओर से सभी विभागों में समान रूप से नियम लागू किए जाने का निर्णय प्रदेश के एक लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों के लिए खुशियों की सौगात भरा रहा है। दिवाली से पहले ठीक प्रदेश कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के संविदाकर्मियों को नियमित करने का फैसला लेकर सवा लाख घरों में खुशियां दे दी। नियमानुसार संविदाकर्मियों को नियमित किए जाने के साथ इंक्रीमेंट और पदोन्नति का लाभ दिया जाएगा। साथ ही सेवानिवृत होने पर पेंशन योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
अलग अलग विभागों में कार्यरत हैं 1 लाख 10 हजार संविदाकर्मी
कैबिनेट सब कमेटी द्वारा बनाए गए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 को अब सभी विभागों में लागू कर दिया गया। ऐसे में अब शिक्षा विभाग में पदस्थ 41,423 शिक्षा कर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत और अंग्रेजी माध्यम के अध्यापक के रूप में कार्य कर रहे संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में राजीविका और मनरेगा में कार्यरत 18,326 संविदाकर्मियों, अल्पसंख्यक विभाग में कार्यरत 5697 मदरसा पैरा टीचर्स और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिक्षा विभाग में कार्यरत 44,833 संविदाकर्मियों पर नए नियम लागू होंगे। कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मियों को नियमित होने का रास्ता साफ हो गया है।
ओडिशा में 57,000 संविदा कर्मचारी होंगे नियमित
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य सरकार की नौकरियों में संविदा नियुक्ति को समाप्त करके 57,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के 76वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके तहत राज्य सरकार प्रति वर्ष अतिरिक्त 1,300 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
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