रायपुर में प्रेरक कर्मचारी बोले- नौकरी नहीं तो वोट नहीं:31 मार्च 2018 से अब तक का बेरोजगारी भत्ता मांगा, आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर3 महीने पहले
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रायपुर में शनिवार को प्रेरक कर्मचारी बूढ़ा तालाब धरना स्थल पहुंचकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए। - Dainik Bhaskar
रायपुर में शनिवार को प्रेरक कर्मचारी बूढ़ा तालाब धरना स्थल पहुंचकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए।

राजधानी रायपुर में शनिवार को प्रेरक कर्मचारी (ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के लिए लोगों को पढ़ाने वाले) बूढ़ा तालाब धरना स्थल पहुंचकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। जहां इन्होंने महानदी के पानी को हाथ में लेकर सौगंध खाई। यदि कांग्रेस सरकार उन्हें नौकरी नहीं देगी तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं देंगे।

दरअसल ये मांग साल 2018 के पहले से उठ रही है। चुनावी साल के पहले कांग्रेस ने इनसे नौकरी देने का वादा किया था, जोकि अब तक अधूरा है। अब फिर एक बार प्रेरक कर्मचारी पूरे प्रदेश में आंदोलन के जरिए मांगें मनवाने की कोशिश में हैं।

आंदोलन के बीच प्रेरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संदीप द्विवेदी पानी लेकर सामूहिक रूप से सभी प्रेरक संघ के लोगों को कसम दिया कि नौकरी के बाद ही कांग्रेस को वोट देंगे। अपनी मांग को दोहराते हुए कहा की सरकार को जल्द से जल्द प्रेरकों को शिक्षा और पंचायत विभाग में नौकरी, अन्य सरकारी विभागों की नौकरी में प्रेरकों को अनुभव का लाभ मिलना चाहिए। इसके साथ 31 मार्च 2018 से अब तक प्रेरकों को 2500 रुपए प्रति माह के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता मिले।

इस प्रदर्शन में प्रेरक कर्मचारियों ने अपनी मांग रखते हुए प्रशासन को ज्ञापन दिया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जल्द उनके नौकरी पर सरकार का फैसला नहीं होता तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

कर्मचारियों के प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें देखिए...