भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की तरफ से नामों की घोषणा की गई है। भानुप्रतापपुर से ब्रह्मानंद नेताम को चुनाव लड़ाया जाएगा। नेताम को पार्टी ने फिर से टिकट दिया है।
ब्रम्हानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में विधायक रह चुके हैं। मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं। इनका नाम भी इस इलाके से चर्चा में है। आदिवासी संगठनों में इनकी पैठ अच्छी मानी जाती है। इस बार भाजपा आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के साथ चुनाव में है। नेताम की समाज में पैठ का फायदा भाजपा को मिल सकता है।
नेताम समेत चार नामों का पैनल हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय समिति को भेजा था। पार्टी के अध्यक्ष अरुण साव ने कहा था कि इस चुनाव में बतौर प्रत्याशी शामिल होने 17 नाम के प्रस्ताव मिले थे, जिनमें से शॉर्टलिस्टिंग के बाद 5 नामों को दिल्ली भेजा गया था।
कांग्रेस से भी नाम का ऐलान जल्द
भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव में पार्टी उम्मीदवार तय करने के लिए सोमवार को प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में तीन नामों का पैनल हाईकमान को भेजा गया है। सीएम भूपेश ने बताया कि नाम पर आलाकमान की मुहर लगते ही एक दो दिन में प्रत्याशी का ऐलान कर दिया जाएगा। चुनाव समिति की पिछली बैठक में 14 दावेदारों के नाम सामने आए थे। वैसे स्वर्गीय विधायक मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी का टिकिट तय माना जा रहा है।
सावित्री मंडावी का दावा अभी सबसे मजबूत
प्रदेश चुनाव समिति की इस बैठक के बाद नामों का पैनल केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया है। इसमें सावित्री मंडावी और बीरेश ठाकुर का नाम सबसे मजबूत दावेदारों में है। इससे पहले जो सर्वे हुआ है उसमें सावित्री मंडावी का दावा मजबूत बताया जा रहा है। सावित्री मंडावी दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी है। उन्होंने सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए पहले ही आवेदन दे दिया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है, सावित्री को समाज की सहानुभूति मिलेगी। दूसरे उनकी छवि एक भद्र महिला की है, इससे विपक्षी उम्मीदवारों को उनपर सीधा हमला करने का कोई तरीका नहीं मिलेगा। बीरेश ठाकुर 2019 में कांकेर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार थे।
कांग्रेस विधायक के निधन से खाली हुई है सीट
भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी का 16 अक्टूबर की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी कर दिया है। 17 नवम्बर तक मतदान की अंतिम तिथि है। नया विधायक चुनने के लिए पांच दिसम्बर को मतदान होगा। आठ दिसम्बर को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा।
उपचुनाव का स्ट्राइक रेट बरकरार रखना चाहेगी कांग्रेस
2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में हर साल उप चुनाव हुए हैं। दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही, खैरागढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने एकतरफा जीत दर्ज की है। पिछले चार चुनाव में एकमात्र चित्रकोट सीट ही 2018 के आम चुनाव में कांग्रेस के खाते में थी। इसका मतलब है कि इन चुनावों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 100% था। इस कार्यकाल में यह विधानसभा का पांचवा उपचुनाव होगा। पार्टी इस स्ट्राइक रेट को बरकरार रखने की कोशिश में है।
ऐसा रहेगा चुनाव का पूरा शेड्यूल
1.नामांकन-10 नवम्बर से 17 नवम्बर
2.नामांकन की जांच -18 नवम्बर
3.नाम वापसी का मौका -21 नवम्बर तक
4.मतदान-5 दिसम्बर
5.मतगणना- 8 दिसम्बर
6.चुनाव खत्म-10 दिसम्बर
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