छत्तीसगढ़ में गर्मी की शुरुआत में ही बिजली की खपत तेजी से बढ़ी है। बिजली कंपनी ने पांच अप्रैल को 5 हजार 298 मेगावाट का पॉवर लोड दर्ज किया। यह पिछले 21-22 सालों में एक दिन में आई सबसे अधिक मांग थी।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों ने बताया, पिछले साल छत्तीसगढ़ में अधिकतम बिजली की मांग का रिकॉर्ड 5 हजार 57 मेगावाट तक पहुंचा था। अगस्त में अल्पवर्षा की स्थिति में भी बिजली की मांग 4900 मेगावाट तक पहुंच गई थी। लेकिन ऐसा पहली बार है जब किसी दिन बिजली की मांग 5 हजार 298 मेगावाट तक पहुंच गई हो। कंपनी ने बताया, यह उपलब्धि उनके खुद के अनुबंधित स्रोतों एवं पॉवर एक्सचेंज के सम्मिलित स्रोतों से अर्जित की है। बिजली कंपनी ने अपने बेहतर प्रबंधन से इस रिकार्ड विद्युत मांग की आपूर्ति बिना लोडशेडिंग के प्राप्त की है। बिजली कंपनी के अध्यक्ष अंकित आनंद ने बताया, कंपनी बिजली की बढ़ती मांग पर नजर बनाये हुए है। गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिये सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बिजली कंपनी के पास 59 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। उनके साथ कृषि, औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को बिजली पहुंचाई जा रही है।
मई-जून में मांग बढ़ने की संभावना प्रबल
कंपनी के अधिकारियों का कहना है, अभी अप्रैल महीने के शुरुआत में ही बिजली की मांग अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इसको देखते हुए गर्मी बढ़ने पर यानी मई-जून के महीनों में बिजली की मांग इससे भी अधिक होने की संभावना प्रबल हो गई है।
तकनीकी स्तर पर यह कर रही है कंपनी
अधिकारियों ने बताया, लोड वृद्धि की संभावना के तकनीकी समाधान हेतु वितरण कंपनी ने इस साल 74 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर एवं 45 पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई है। इसके साथ ही 11 नये पावर सब स्टेशन का काम भी पूरा किया जा चुका है। इससे मांग बढ़ने पर भी उसे संभाला जा सकता है।
रोजाना 2500 मेगावाट का उत्पादन
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी रोजाना 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है। वहीं उसे 1900 मेगावाट बिजली केंद्रीय पूल से मिलता है। अधिकारियों ने बताया, शेष बिजली वह विभिन्न अनुबंधों के तहत कई कंपनियों से लेती है। इसकी वजह से ही रिकॉर्ड स्तर पर बिजली की मांग के बावजूद कहीं लोड शेडिंग की जरूरत नहीं पड़ी है।
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