शुक्रवार को भाजपा के नेताओं ने अभनुपर के आमदी गांव में हुए आत्महत्या कांड मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस दौरान नेताओं ने इस मामले में कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू का नाम लिया। ये दावा किया गया कि जिस किसान ने जान दी थी वो हत्या का आरोपी था, उसे साहू के कहने पर छोड़ा गया। फिर उसने खुदकुशी कर ली। इस मामले में पुलिस और विधायक की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
इस केस में भाजपा ने एक जांच दल गठित किया था। इस दल के नेताओं ने ही प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। विधायक व प्रदेश प्रवक्ता डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष अभिनेश कश्यप और अनुराग अग्रवाल ने अपने तथ्यों का खुलासा किया। इन नेताओं ने सुसाइड करने वाले पवन के परिजनों से बात-चीत के बाद गंभीर आरोप लगाए।
भाजपा का ये है दावा
अभनपुर के आमदी गांव में किसान गंगू निषाद की हत्या 24 और 25 सितंबर की दरम्यानी रात हो गई। गंगूराम के दो बेटे बड़ा पवन निषाद (गौठान में खुदकुशी करने वाला) और छोटा तोरण है। पवन निषाद की दो पत्नियां हैं।पहली फुलेश्वरी, दूसरी गंगाबाई। पवन अपनी पहली पत्नी और पहली पत्नी से संतान नागेश और आकाश के साथ अलग रहता था। जबकि पवन की दूसरी पत्नी अपने पुत्र किसन और कन्हैया सहित अपने सास ससुर, देवर देवरानी के साथ रहती थी। पवन और उसके पिता गंगूराम (72) के बीच खेत के उपज और पैसों के लेनदेन का विवाद था।
मार्च के महीने में पवन के बेटे किसन की नई मोटर सायकिल किसी ने जला दी थी। इस मामले में पवन के खिलाफ थाने में उसकी दूसरी पत्नी ने की थी। 25 सितंबर को जब पवन के पिता की मौत हुई तो उसके भाई तोरण निषाद ने अपने पिता की हत्या अपने बड़े भाई पवन और अन्य द्वारा किये जाने का संदेह जताया था। पुलिस पवन और उसकी पहली पत्नी से पुत्र नागेश को पकड़ कर थाना ले गई और शाम को 6 बजे छोड़ दिया।
इससे नाराज घर वालों ने पुलिस से पूछा कि पवन को क्यों छोड़ा गया तो थाने में कह दिया गया कि हमने बड़े आदमी के कहने पर पवन, नागेश को छोड़ा है। भाजपा का दावा है कि स्थानीय विधायक धनेंद्र साहू के कहने पर ही पुलिस ने पवन को छोड़ा। घर वालों ने भी पुलिस द्वारा यही नाम लेने की बात कबूली। पवन ने गौठान में खुदकुशी की तो उसकी जेब से मिले नोट में पिता गंगू का मर्डर करने की बात लिखी थी।
कांग्रेस का था करीबी
भाजपा नेताओं ने कहा कि पवन कांग्रेस नेताओं का करीबी था। पूर्व में घोषित गौठान समिति के अध्यक्ष को हटाकर पवन को गौठान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने की जानकारी मिली है, इससे पता चलता है कि उसे प्रभावशाली लोगों का वरदहस्त (संरक्षण) प्राप्त था। भाजपा ने मांग की है कि पवन की पत्नी गंगाबाई, उनके पुत्रों, देवर देवरानी को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाय। गंगूराम की हत्या में क्या और कोई शामिल है, इसकी जांच हो। पूरे प्रकरण में स्थानीय विधायक और पुलिस की भूमिका की जांच हो।
कांग्रेस ने भाजपा को बताया राजनीतिक गिद्ध
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का करारा जवाब दिया। शुक्ला ने कहा- भाजपा और इसके नेता छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गिद्ध हो चुके हैं। प्रदेश भाजपा के नेताओं की वजह से राजनीति का स्तर गिर गया है। ये तलाश मंे होते हैं कि कहीं कोई मरे और ये अपनी राजनीति चमकाएं।
शुक्ला ने आगे कहा- आमदी गांव में गौठान में खुदकुशी करने वाला पवन 25 सितंबर को हुई उसके पिता की हत्या का संदेही था। उसके भाई और परिजनों ने पवन पर शक जाहिर किया, उसने गौठान में जाकर सुसाइड किया। नोट में ये भी लिखा कि कुछ लोग उसे फंसाने की धमकी दे रहे हैं, इसलिए जान दे रहा हूं। सुसाइड नोट में स्वीकार किया कि उसने हत्या की है। बहुत सारे विषय हैं लाशों पर राजनीति बंद करे भाजपा ।
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