भाजपा सियासी तौर पर तो सक्रिय हो ही गई है, मगर अब पार्टी ने कार्रवाई का डंडा चलाना भी शुरू किया है। पार्टी के खिलाफ काम करने वाले 5 नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। एक मंडल के खिलाफ मिल रही शिकायतों की वजह से उसकी पूरी कार्यसमिति को भंग कर दिया गया है। शुक्रवार देर शाम इसे लेकर बैक टू बैक आदेश प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने जारी किए।
खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान पार्टी को कई नेताओं की शिकायत मिली थी। अब जाकर उनपर कार्रवाई हुई है। इन कार्रवाइयों से संगठन ने सख्ती का संदेश देने की कोशिश की है। सक्ती में एक नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। खैरागढ़ जिले में रामा साहू, रमेश ठाकुर, केशव साहू, लोकेश्वरी जंघेल और रावल कोचर को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। इन नेताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार कर उन्हें हराने का काम किया था।
बड़े नेताओं के सामने की थी मारपीट
पार्टी ने सक्ती जिले के नेता संजय कश्यप को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संजय पर वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मंडल महामंत्री से हाथापाई, वॉट्सऐप ग्रुप में वरिष्ठ नेताओं और पूर्व प्रदेश प्रतिनिधि के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने और धमकी देने का आरोप है। बार- बार इस तरह के काम में लिप्त रहने के कारण यह कार्रवाई हुई है। इसके अलावा पार्टी ने कुम्हारी मंडल युवा मोर्चा की कार्यसमिति भी भंग कर दी है। यहां के नेताओं के बारे में भी लंबे समय से शिकायतें हो रही थीं। अब नए सिरे से कार्यसमिति बनेगी।
पुराने जिलाध्यक्षों की ताकत हुई कम
हाल ही में 8 जिलाध्यक्षों को हटाया गया है। उम्मीद की जा रही थी कि इनमें से कुछ को पार्टी प्रवक्ता बनाकर सक्रिय रूप से साथ रखेगी। मगर इन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। इसमें रायपुर शहर के पूर्व विधायक और जिला अध्यक्ष रहे श्रीचंद सुंदरानी, भिलाई के वीरेंद्र साहू, नारायणपुर के बृजमोहन देवांगन, सुकमा के हुंगाराम मरकाम, जशपुर के रोहित कुमार साय शामिल हैं।
बागियों को मिलाया साथ
पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल कुछ बागियों को निकाल दिया गया था। अब उन्हें फिर से संगठन में शामिल किया गया है। भिलाई के सत्यनारायण अग्रवाल और अनिता अग्रवाल को उनके आग्रह पर पार्टी में शामिल कर लिया गया है। कहा गया है कि आगे वो संगठन के लिए ठीक ढंग से काम करेंगे।
अगले साल चुनाव, उससे पहले बदलाव जारी
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, बीजेपी पिछले 3 महीने से लगातार बदलाव कर रही है। इस बदलाव की आंधी में सूबे के प्रदेश प्रभारी से लेकर अब जिलों के अध्यक्षों तक का नाम शामिल हो गया है। सबसे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष फिर नेता प्रतिपक्ष और फिर बीजेपी प्रदेश प्रभारी बदल दिए गए। चुनाव से पहले आने वाले 10 से 11 महीनों में अभी कौन-कौन से चेहरे बदल दिए जाएंगे, ये आने वाला वक्त तय करेगा।
13 जिला अध्यक्ष बदले गए थे
कुछ दिन पहले ही राजधानी रायपुर के बीजेपी दफ्तर से 13 जिला अध्यक्षों के बदले जाने का फरमान जारी हुआ। इससे पहले 9 अगस्त को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष को बदलने का आदेश जारी हुआ था। विष्णुदेव साय की जगह अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद 17 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष को बदलने का आदेश जारी हुआ। धरमलाल कौशिक की जगह नारायण चंदेल को जिम्मेदारी दी गई, और फिर करीब एक महीने में डी पुरंदेश्वरी को हटाकर ओम माथुर काे छत्तीसगढ़ का नया भाजपा प्रदेश प्रभारी बना दिया गया।
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