छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी का किसान मोर्चा मंगलवार को पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है। हर शहर से राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार के खिलाफ ये हल्ला बोल किसानों को हो रहे नुकसान की वजह से है। किसान नेता गौरी शंकर श्रीवास ने बताया कि प्रदेश शासन की नीतियों की वजह से लाखों किसान मुसीबत में हैं, मगर इनकी कोई सुध नहीं ले रहा है।
गौरी शंकर ने आगे कहा कि प्रदेश में धान खरीदी 9 दिनों के भीतर बंद कर दी जाएगी। कई किसान अपना धान नहीं बेच पाएं हैं, इतने कम दिनों में आखिर कैसे खरीदी हो पाएगी। कई केंद्रों में धान का उठाव नहीं हो पा रहा है। मौसम की वजह से किसान के घर और कई केंद्रों में पड़ा धान भीग गया। मुआवजे की बात की जाती है, मगर ये मुआवजा कागजों तक ही सिमटा है। इन्हीं कारणों से हम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कर उनसे इस मामले में दखल की मांग करेंगे और धान खरीदी की समय सीमा को बढ़ाने की मांग करेंगे। इसके अलावा ओला और अति वृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा, धान उपार्जन केंद्रों मे धान उठाव की बातें भी ज्ञापन में शामिल होंगी।
प्रदेश में अब तक 65.88 प्रतिशत धान की खरीदी
प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों की माने तो 15 जनवरी तक की स्थिति में प्रदेश में लगभग 17.16 लाख किसानों ने धान बेचा है। अब तक 65.88 प्रतिशत धान की खरीदी हुई है। कस्टम मिलिंग के लिए 35.54 मीट्रिक टन धान का उठाव हुआ है। राज्य के 2484 धान उपार्जन केन्द्रों में 17 लाख 15 हजार 846 किसानों से 69 लाख 17 हजार 105 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।
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