उत्तर छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों ने जंगल बचाने के लिए अपनी जद्दोजहद को राजधानी की ओर मोड़ दिया है। सैकड़ो ग्रामीण सोमवार को हसदेव अरण्य क्षेत्र के मदनपुर गांव से राजधानी रायपुर तक की 300 किमी लंबी पदयात्रा पर रवाना हुए। साल 2015 में इसी मदनपुर गांव की एक नुक्कड़ सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे थे। यहां उन्होंने खनन और विस्थापन के खिलाफ ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन देने का वादा किया था।
गांधी जयंती की बैठक में तय कार्यक्रम के मुताबिक स्थानीय ग्रामीण कोरबा जिला स्थित मदनपुर गांव के उसी मैदान में जुटे जहां 2015 में राहुल गांधी की सभा हुई थी। सरगुजा जिले घटबर्रा, फतेहपुर, साल्ही, हरिहरपुर आदि गांवों के लोग पैदल चलते हुए मदनपुर पहुचे। वहां एक सभा हुई। इसमें हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष उमेश्वर सिंह आर्मो ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि खुद को आदिवासी हितों का रक्षक, संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास का दावा करने वाले राजनीतिक दल के सत्ता में होने के बावजूद भी हमें पदयात्रा पर जाना पड़ रहा है। केंद्र की मोदी सरकार जिस तरह अडानी समूह को देश के तमाम संसाधन सौंपने की कोशिश कर रही है, उस प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भी साथ ही दे रही है। कुछ स्थानीय नेताओं और ग्रामीणों ने भी सभा में अपनी बात कही।
तय हुआ कि पदयात्रा 13 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेगी। अपनी मांगों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के सामने उठाएगी। उसके बाद एक-दूसरे को टीका लगाकर ग्रामीणों ने यात्रा शुरू की। पहले दिन 22 किमी की पदयात्रा केंदई गांव में पूरी हुई। ग्रामीण वहीं रुके हैं। सुबह वहां से आगे की यात्रा पर रवाना होंगे। पदयात्रा को समर्थन देने उदयपुर से सिद्धार्थ सिंहदेव, जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राजिन सिंह, कोरिया से कुमार गिरीश, गांव गणराज्य से जंगसाय पोया, जिला किसान संघ राजनांदगांव से सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे सहित हसदेव अरण्य क्षेत्र के कई सरपंच और जनपद सदस्य मदनपुर पहुंचे थे। आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह तथा उदयपुर जनपद के उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा भी ग्रामीणों से मिले।
लखीमपुर खीरी के किसानों को श्रद्धांजलि भी दी
पदयात्रा के लिए जुटे ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र किया। वहां मारे गए आंदोलनकारी किसानों को श्रद्धांजलि दी। वहीं किसानो के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए तत्काल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने और घटना में शामिल मंत्री के बेटे को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। संघर्ष समिति ने तीनो किसान विरोधी कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करने की मांग उठाई गई|
इन मांगों के लिए पदयात्रा पर ग्रामीण
• हसदेव अरण्य क्षेत्र की समस्त कोयला खनन परियोजना निरस्त किया जाए।
• बिना ग्रामसभा की सहमति के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल बेयरिंग एक्ट के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को तत्काल निरस्त किया जाए।
• पांचवी अनुसूची क्षेत्र में किसी भी कानून से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के पूर्व ग्रामसभा से अनिवार्य सहमति के प्रावधान लागू किए जाएं।
• परसा कोल ब्लाक के लिए ग्राम सभा फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को तत्काल निरस्त किया जाए और ऐसा करने वाले अधिकारी और कम्पनी पर FIR दर्ज हो।
• घाटबर्रा गांव के निरस्त सामुदायिक वन अधिकार को बहाल करते हुए सभी गांवों में सामुदायिक वन अधिकार और व्यक्तिगत वन अधिकारों को मान्यता दी जाए।
• अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून का पालन कराया जाए।
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