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दुर्ग के चमन ने फतह की 'माउंट फ्रेंडशिप पीक':नेशनल लेवल पर विंटर एक्सपीडिशन करने वाले प्रदेश के पहले पर्वतारोही; फहराया छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का झंडा

रायपुर4 महीने पहले
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पर्वतारोही चमन लाल कोसे। - Dainik Bhaskar
पर्वतारोही चमन लाल कोसे।

दुर्ग जिले के पाटन में रहने वाले चमन लाल कोसे ने पर्वतारोहण क्षेत्र में नया रिकॉर्ड कायम किया है। चमन ने हिमाचल प्रदेश के सोलांग वैली में स्थित 17 हजार 353 फीट की ऊंचाई वाले माउंट फ्रेंडशिप पीक पर छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का झंडा फहराया है। चमन लाल ने माउंट फ्रेंडशिप पीक को महज 6 दिनों में फतह कर लिया।

25 वर्षीय चमन बचपन से ही पर्वतारोहण का शौक रखते हैं। इस अभियान के लिए चमन लाल कोसे ने अपने विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया। चमन ने सीएम भूपेश बघेल को समर्पित करते हुए #पाटनवालेकका का पोस्टर शिखर पर फहराया। उन्होंने कहा कि कका के सहयोग के बिना यह कर पाना संभव नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री उमेश पटेल को भी धन्यवाद दिया।

छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का फ्लैग।
छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का फ्लैग।

चमन लाल ने 15 नवंबर को एडवांस बेस कैंप से रात 10:10 बजे चढ़ाई शुरू की थी और 16 नवंबर को सुबह 03:40 बजे इसे पूरा कर लिया। वे 10 नवंबर को रायपुर से इस अभियान के लिए निकले थे। इस दौरान उन्होंने माइनस (-14 डिग्री) तापमान पर ट्रैकिंग कर लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय की।

आसान नहीं थी चढ़ाई

छत्तीसगढ़ के पहले विंटर एक्सपीडिशन करने वाले चमन लाल कोसे बताते हैं कि यह चढ़ाई आसान नहीं थी। चढ़ाई के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी चुनौती विंड चिल्ड फैक्टर थी, यानी ठंडी तेज हवाओं से बचना। इसके अलावा दो बार हिमस्खलन का सामना भी करना पड़ा। चमन बताते हैं कि इस दौरान वे पहाड़ों में होने वाली AMS बीमारी की चपेट में भी आ गए थे, लेकिन उनका कुछ करने का जज़्बा ही उन्हें शिखर पर ले गया।

पर्वतारोही चमन लाल हैं दुर्ग जिले के पाटन के रहने वाले।
पर्वतारोही चमन लाल हैं दुर्ग जिले के पाटन के रहने वाले।

ये रही अभियान की विशेषता

चमन लाल कोसे ने अल्पाइन टेक्निक क्लाइम्बिंग (Alpine Technique Climbing) के साथ-साथ विंटर एक्सपीडिशन (Winter Expedition) किया। अल्पाइन टेक्निक से क्लाइम्बिंग यानी इस चढ़ाई में अमूमन 1-2 लोग ही होते हैं और अभियान को पूरा करते हैं। यह पर्वतारोहण के क्षेत्र में सबसे उच्चतम श्रेणी की विधा है। विंटर एक्सपीडिशन का मतलब शरद ऋतु में पर्वतारोहण करना है। विंटर एक्सपीडिशन 1% से भी कम पर्वतारोही ही कर पाते हैं। इस तरह राष्ट्रीय स्तर पर विंटर एक्सपीडिशन करने वाले छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति चमन लाल कोसे बन गए हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ के एवरेस्ट पर्वतारोही राहुल गुप्ता 'माउंटेन मैन' ने भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहाड़ों पर अल्पाइन टेक्निक के साथ विंटर एक्सपीडिशन किया है।

अगले अभियान के लिए हैं तैयार

अब अगले महीने चमन अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (19,341 फिट / 5,895 मीटर) की चढ़ाई करेंगे। जो कि महाद्वीपों के पहाड़ों की ऊंचाई की रैंकिंग में चौथी सबसे ऊंची चोटी है।

चमन लाल ने #पाटन वाले कका लिखा पोस्टर लहराया।
चमन लाल ने #पाटन वाले कका लिखा पोस्टर लहराया।

25 वर्षीय चमन लाल कोसे दुर्ग जिले के पाटन के निवासी हैं। चमन एक मध्यम वर्गीय परिवार से बिलॉन्ग करते हैं। उनके पिता एक किसान हैं। साथ ही चमन वर्तमान समय में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर में समाजकार्य विभाग के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी हैं।

यहां से मिली ट्रेनिंग

पर्वतारोही चमन लाल कोसे ने सिक्किम के पर्वतारोहण संस्थान से माउंटेनियरिंग (पर्वतारोहण) और माउंट आबू, राजस्थान में स्थित स्वामी विवेकानंद इंस्टिट्यूट से रॉक क्लाइम्बिंग का कोर्स किया है। पर्वतारोहण जैसे साहसिक खेलों के क्षेत्र में पिछले 5 सालों का अनुभव रहा है। उन्होंने उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ के एडवेंचर स्पोर्ट्स बेस्ड कंपनी व संस्थान में भी काम सीखा है।

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