छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। हालात तीन महीने पहले जैसी हाे गई है, जब रोजाना 40-50 मरीज मिल रहे थे। दिसंबर के शुरुआती 6 दिनों में ही एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा दो बार 44 तक पहुंच गया है। यह छत्तीसगढ़ में सितंबर 2021 के पहले सप्ताह के बाद की सबसे खराब स्थिति है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर रात जारी रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को प्रदेश भर में 22 हजार 988 लोगों की जांच की गई। इस दौरान 44 लोग संक्रमित पाए गए। प्रदेश में अब पॉजीटिविटी दर बढ़कर 0.19% हो गई है। सबसे अधिक 10 मरीज अकेले कोरबा में पाए गए। बलरामपुर में 6 और दुर्ग, जशपुर में भी 5-5 मरीज मिले हैं। इससे पहले 4 दिसंबर को भी प्रदेश में 44 कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
नवंबर महीने में एक दिन में मिले कोरोना के अधिकतम मामलों की संख्या 37 रही है। वहीं अक्टूबर में 38 मरीजों का रिकॉर्ड है। आखिरी बार 8 सितंबर 2021 को छत्तीसगढ़ में 48 मरीज मिले थे। उसके बाद से इनकी संख्या में गिरावट आती रही। अक्टूबर में तो यह आंकड़ा 10 तक पहुंच गया था, लेकिन इसे कायम नहीं रखा जा सका।
दिसंबर में अब तक कोई मौत नहीं
संक्रमण के बढ़ते खतरों के बीच गनीमत यही है कि दिसंबर के महीने में अभी तक किसी मरीज के मौत की रिपोर्ट नहीं आई है। प्रदेश में अब तक 13 हजार 593 लोगों की जान इस वायरस की वजह से गई है। इनमें से 16 लोगों की मौत तो पिछले महीने ही हुई है।
अभी 6 जिलों में खतरा कम, सावधानी बढ़ाने की जरूरत
प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना का कोई मरीज नहीं है। इनमें गरियाबंद, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, सुकमा और नारायणपुर का नाम शामिल है। वहां खतरा कम हुआ है, लेकिन ऐसे जिलों में सावधानी बढ़ाने की जरूरत बढ़ गई है। लोगों की आवाजाही जारी है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने और कोरोना नियमों का पालन करने की बात कही जा रही है।
ओमिक्रॉन वाले शहरों से आने वालों की निगरानी
स्वास्थ्य विभाग ओमिक्रॉन प्रभावित राज्यों-शहरों से आने वालों की निगरानी की तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि मंगलवार-बुधवार को इसके दिशानिर्देश जारी किए जा सकते हैं। इन शहरों से ट्रेवल हिस्ट्री वालों को भी निगरानी में रखने से खतरे को कुछ कम किया जा सकता है। देश में अभी तक दिल्ली, बेंगलुरु, जयपुर, मुंबई जैसे शहरों में ओमिक्रॉन के मरीज पाए गए हैं।
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