छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त 26 जनवरी को जारी की जाएगी। सरकार ने इस योजना को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, गणतंत्र दिवस को योजना की पहली किश्त जारी होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल इस योजना को लाॅन्च किया था। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन मजदूरों और दूसरे पारंपरिक काम करने वाले परिवारों को हर साल 6 हजार रुपए दिया जाना था। इसके लिए 30 नवम्बर 2021 तक पंजीयन हुए। आखिर तक छत्तीसगढ़ में 4 लाख 41 हजार से अधिक भूमिहीन खेतिहर मजदूरों ने अपना पंजीयन करा लिया था। पंजीयन के बाद आवेदनों की स्क्रूटनी हुई। अधिकारियों ने बताया, स्क्रूटनी और दावा-आपत्ति के निराकरण के बाद पात्र लोगों की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में आए लोगों को राज्य सरकार इस योजना के तहत सालाना 6 हजार रुपए का भुगतान करेगी।
क्या है यह न्याय योजना
पिछले साल शुरू राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का उद्देश्य खेतिहर मजदूरों को आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराना है। इस योजना के लिए पात्र पाए गए लोगों को सालाना 6 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह रकम सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जानी है।
इन शर्तों पर मिलेगा योजना का फायदा
योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के ऐसे मूल निवासियों को मिलेगा। जिन परिवारों के पास कृषि भूमि नहीं है, ऐसे परिवारों में चरवाहा, बढई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पारंपरिक काम से जुड़े लोगों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत ऐसे अन्य वर्ग भी पात्र होंगे जिनके परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।
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