छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। पिछले 6 दिनों से जारी इस हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है । दरअसल मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से होनी है । इससे ठीक पहले हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर को मनाने कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश गुप्ता अंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे।
प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया गया । पिछले 6 दिनों से प्रदेश के 3000 जूनियर डॉक्टर सरकारी हॉस्पिटलों में ना तो ओपीडी में शामिल हो रहे थे और ना ही किसी तरह की इमरजेंसी में काम कर रहे थे।
इस वजह से हड़ताल
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रेम चौधरी ने बताया कि आस-पास के स्टेट एमपी, झारखंड से भी कम मानदेय प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स को मिलता है। दूसरे प्रदेशों में जहां 90 हजार रुपए तक का फंड है। वहीं छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपये ही मिलते हैं।किसी भी प्रदेश में 4 साल के बॉन्ड नहीं भरवाए जाते। केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है। बीते 4 सालों में मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। इस वजह से मजबूरन अब हड़ताल का कदम उठाना पड़ा।
स्वास्थ्य मंत्री बोले जायज है मांग
जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स (जुडो) के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, DME और डीन के साथ मुलाकात की। स्वास्थ्य मंत्री ने जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगो को ध्यान से सुना, दूसरे राज्यों के स्टाइपेंड को देखा और यहां मिलने वाले स्टाइपेंड को कम पाया। उन्होंने जुडो के मांगो को जायज ठहराया और उस पर तुरंत करवाई करने वित्त मंत्रालय से आग्रह किया है। स्वास्थ्य मंत्री जी ने माना कि जुडो को मिलने वाला स्टाइपेंड दूसरे पड़ोसी राज्यों से कम है जो कि नीतिगत नही है।
IMA का समर्थन
रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के बाहर जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे थे। इनका समर्थन करने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता भी कर रहे है। उन्होंने जूनियर डॉक्टर्स के इस कदम को जायज बताया और कहा कि जल्द ही इनके संबंध में स्वास्थ्य विभाग को फैसला करना चाहिए।
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