छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी बुधवार से शुरू हो रही है। प्रदेश भर में सरकार ने इसके लिए 2 हजार 399 केंद्र बनाए हैं। यहां 23 लाख से अधिक किसानों को अपना धान बेचना है। इस बीच बारदानों का संकट बना हुआ है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा और केंद्र सरकार पर साजिश का आरोप लगाया है।
चुनाव समिति की बैठक के लिए राजीव भवन पहुंचे कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा- केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को प्रभावित करने की साजिश कर रही है। इसकी वजह से हमने पुराने बारदानों में भी धान खरीदने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ को 5 लाख गठान बारदाना की जरूरत है। केंद्र सरकार से अभी एक लाख गठान बारदाना भी नहीं मिल पाया है। कृषि मंत्री ने कहा- इसके बावजूद हमने खरीदी की तैयारियां पूरी कर ली हैं। टोकन बांट दिए गए हैं। हम सभी केंद्रों में नए और पुराने बारदानों में खरीदी करेंगे। राइस मिलों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से पुराने बारदाने लिए गए हैं। किसान भी अगर पुराने बारदाने में धान लाता है ताे उसे भी लिया जाएगा।
कृषि मंत्री ने दावा किया कि खरीदी में कहीं भी कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। धान खरीदी को लेकर किसानों में जबरदस्त उत्साह है। यह सबसे बड़ा उत्सव होने वाला है। इस साल सरकार 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने वाली है। यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा।
भाजपा के आरोपों पर पलटवार
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए रविंद्र चौबे ने कहा- भाजपा और उसकी सोच पर मुझे तरस आता है। बारदाने की व्यवस्था अगर केंद्र नहीं करेगा तो कौन करेगा। जूट कमिश्नर अगर केंद्र का अधिकारी नहीं है तो किसका प्रतिनिधि है। भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार जूट कमिश्नर से आपूर्ति नहीं मिलने का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रही है।
खरीदी के रिकॉर्ड पर भी घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा- भाजपा ने 52 लाख 53 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा कभी धान खरीदी नहीं की। हम अपने निर्धारित खरीदी लक्ष्य को लेकर तैयार हैं। हम जिस मात्रा में धान खरीदी कर रहे हैं, वह भाजपा कभी सपने में भी नहीं सोच सकती। रमन सिंह ने कहा था- उन्होंने 15 साल धान खरीदा, लेकिन कभी बारदाने का संकट नहीं आया। कांग्रेस सरकार तीन साल में ही हांफने लगी है।
ऐसी है इस बार की व्यवस्था
राज्य सरकार ने इस साल 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी की है। खरीदी एक दिसम्बर को सुबह से शुरू होगी। प्रदेश भर में 23 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। खरीदी केंद्रों में आने से पहले किसानों को टोकन दिया गया है। इसमें तुलाई के लिए धान लाने की तिथि और समय दिया हुआ है। प्रदेश में 2 हजार 399 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। इनकी संख्या पिछले साल की तुलना में 88 अधिक है। इस खरीदी के लिए सरकार को 5 लाख 25 हजार गठान जूट बारदाने की जरूरत है। जूट कमिश्नर कोलकाता के जरिए अभी तक 86 हजार गठान बारदाना ही मिल पाया है।
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