छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की है। इसके बाद केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना के तहत पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) में जमा 17 हजार 240 करोड़ रुपए की राशि वापस करने से इनकार कर दिया है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पर नई रणनीति लेकर आए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को शिमला में कहा, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू की है। वहां केंद्र सरकार ने नई योजना के अंशदान के तौर पर जमा राशि को वापस देने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा, वह राशि 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक है जो छत्तीसगढ़ सरकार और वहां के तीन लाख अधिकारियों-कर्मचारियों के अंशदान के तौर पर जमा है। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखा कि हमने पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है इसलिए वह पैसा हमें वापस कर दिया जाए। उन्होंने पैसा वापस करने से इन्कार किया है, लेकिन इसका कारण नहीं बताया है। उनको कारण तो बताना होगा। हम फिर से पत्राचार करेंगे। नई पेंशन स्कीम के तहत तो कर्मचारियों के साथ उनका व्यक्तिगत एग्रीमेंट हुआ है। उसी के तहत राजस्थान में कर्मचारियों ने अपना पैसा वापस निकालना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नई पेंशन स्कीम का एग्रीमेंट कर्मचारियों के साथ व्यक्तिगत किया गया था। वे पैसा तो कभी भी निकाल सकते हैं। वह पैसा निकालकर वे राज्य सरकार के खाते में जमा कर सकते हैं। उसे रोक नहीं सकता कोई। हम लोग उसमें लीगल एडवाइज भी ले रहे हैं। केंद्र सरकार को फिर से पत्र लिखेंगे। उन्होंने पैसा नहीं देने की बात कही है, लेकिन क्यों नहीं देंगे आप यह तो बताना होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को शिमला के कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया।
हिमाचल में छत्तीसगढ़ जैसी पेंशन का वादा
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश चुनाव में छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसी पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा किया है। वहां पत्रकारों ने पूछा कि केंद्र सरकार के असहयोग के बाद भी यह योजना कैसे लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नई पेंशन योजना के तहत केंद्र सरकार ने कर्मचारियों से व्यक्तिगत एग्रीमेंट कर अंशदान जमा कराया था। हम भी कर्मचारियों के साथ एग्रीमेंट करेंगे पुरानी पेंशन योजना के तहत। उनका खाता भी खुलवाएंगे। नई पेंशन योजना के तहत कोई कटौती नहीं होगी। सेवानिवृत्ति पर पेंशन की पूरी गारंटी होगी। सेवानिवृत्ति पर मूल वेतन का 50% पेंशन बनेगी। मृत्यु के बाद परिवार को पेंशन का प्रावधान होगा।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान का अंशदान केंद्र सरकार ने फंसाया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा आदि का हवाला देकर 9 मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की थी। उससे पहले राजस्थान सरकार यह योजना लागू कर चुकी थी। बाद में इस योजना को राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया गया। इसी के साथ नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन हो रही 10% की कटौती भी बंद हो गई। बाद में नई योजना के अंशदान का हिसाब हुआ तो पता चला कि राज्य सरकार ने एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 की अवधि के दौरान 11 हजार 850 करोड़ रुपए कर्मचारी और नियोक्ता अंशदान के तौर पर जमा किया है। इस जमा राशि का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 17 हजार 240 करोड़ रुपए बनता है। राजस्थान में यह राशि 39 हजार करोड़ रुपए से अधिक है। दोनों राज्यों ने केंद्र से यह राशि वापस मांगी। केंद्र सरकार की संस्था पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनके एक्ट में वापसी का प्रावधान ही नहीं है।
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