मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को छत्तीसगढ़ निषाद केवट समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। रायपुर के सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश की मछुआ नीति का प्रारूप तैयार है। उसको कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी दे दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, समाज के लोगों के हित में राज्य सरकार कोई नीति बनाती है। अब इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने का दायित्व समाज का है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। इस नीति के तहत मछलीपालन करने वाले लोगों को किसानों के जैसे बिना ब्याज का ऋण तथा बिजली बिल में छूट दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने संसदीय सचिव और निषाद केवट समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुंवर सिंह निषाद के आग्रह पर निषाद केवट समाज के भवन निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृत करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव शकुंतला साहू, छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर.निषाद और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन भी मौजूद रहे।
नई तकनीक और शिक्षा की वकालत की
मुख्यमंत्री ने निषाद केवट समाज के लोगों से मछलीपालन में केज और बायो फ्लॉक तकनीक का उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के लोग समिति बनाकर केज और बायो फ्लॉक यूनिट के लिए फाइनेंस सुविधा का लाभ उठाएं। इसमें अनुदान भी दिया जाता है। इससे मछलीपालन करने वालों को अधिक आर्थिक लाभ होगा और प्रदेश में मछली का उत्पादन भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जो समाज शिक्षा से नाता जोड़ता है, वही समाज आगे बढ़ता है। मछुआ समाज भी बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाए।
लोगों की आय बढ़ाने पर है सरकार का जोर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, राज्य सरकार का यह प्रयास है कि किसानों, डेयरी का व्यवसाय करने वाले, पशुपालन, मछलीपालन करने वाले, वनोपजों का संग्रहण करने वाले लोगों की आय में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि मछली बीज उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर हुआ है। यहां से उत्तर प्रदेश और ओडिशा सहित कई राज्यों को मछली बीज की सप्लाई की जा रही है।
कृषि मंत्री ने गिनाए समाज के लिए किए काम
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार ने छत्तीसगढ़िया अस्मिता को जगाने का काम बखूबी किया है। निषाद केवट समाज को सम्मान मिला है। बिलासपुर एयरपोर्ट का नाम बिलासा देवी केवट के नाम पर, अर्जुंदा महाविद्यालय का नाम शहीद दुर्वासा निषाद के नाम, कवर्धा के मत्स्य महाविद्यालय का नामकरण पुनाराम निषाद के नाम पर किया गया है। उन्होंने बताया कि नया रायपुर के एक चौक का नामकरण भक्त गुहाराज निषाद के नाम पर किया जाएगा।
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