विधानसभा में मंगलवार को आय व्यय की सामान्य चर्चा के दौरान पीएम आवास को लेकर जमकर सियासत हुई। भाजपा के सदस्यों ने जहां 16 लाख पीएम आवास पेंडिंग होने का दावा करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं, जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सदन के अंदर प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भाजपा नेताओं पर गलत आंकड़ा पेश करने का आरोप लगाते हुए तंज भी कसा। सीएम ने पीएम आवास योजना (शहरी) का 2015 से अब तक का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि हमने आठ गुना ज्यादा राज्यांश दिया, दो गुना से ज्यादा खर्च किया और पांच गुना से ज्यादा मकान बनाए। मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया से चर्चा में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) जून 2015 में शुरू हुई।
2015-16 से 2018-19 तक इन्होंने राज्यांश जारी किया 271.37 करोड़। फिर हमारी सरकार आई। 2019-20 से 2022-23 तक हमने राज्यांश जारी किया 2116.31 करोड़। इनसे लगभग 8 गुना ज्यादा। इनकी सरकार में कुल 1241.93 करोड़ रुपए खर्च हुई। हमारी सरकार ने 2763.90 करोड़ रुपए खर्च किए। हमारी सरकार ने 2.22 गुना ज्यादा व्यय किया। 2015 से प्रारंभ हुई योजना में इन्होंने 2018-19 तक केवल 19042 आवास बनाए, जबकि हमने 2019-20 से 2022-23 तक 93,725 आवास बनाए, जो पांच गुना अधिक है।
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चंदेल ने कहा- राज्य के विकास के लिए विजन ही नहीं है
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बजट में दो तीन बातों को छोड़ कर कुछ भी नहीं है। इस बजट से होगा क्या समझ नहीं आ रहा है। केवल कागजी प्रावधान है। सरकार के पास समय कितना है। पिछले बजट में से कितने काम हुए? क्या प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति मिली? टेंडर-वर्क ऑर्डर हुए क्या? चंदेल ने कहा, आंगनबाड़ी को छोड़कर सभी को सरकार ने छलने का काम किया। इसके लिए पैसा ही नहीं है। जब भी कोई बात होती है तो सीएम साहब केंद्र की ओर देखते हैं। सरकार के पास राज्य के विकास के लिए कोई विजन ही नहीं है।
कुछ नहीं मिला तो विपक्ष आवास में आ गया, रोज नए-नए आंकड़े दे रहा
विधानसभा में पीएम आवास पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जब मकान 18 लाख स्वीकृत हैं और आपने 11 लाख बनवा दिए थे तो कहां से 16 लाख आवास बचे हुए हैं। बृजमोहन जी कुछ आंकड़ा बताते हैं और अजय चंद्राकर और केदार कश्यप कुछ और आंकड़ा बताते हैं। आपका कौन सा आंकड़ा सही है, यह बता दीजिए। मुख्यमंत्री बघेल ने भाजपा नेताओं से कहा कि आपने जो फॉर्म भरवाया है, दे दीजिए हम वेरिफाई करा लेंगे। सीएम ने कहा कि उज्जवला, आवास और शौचालय सबका भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय हमने लिया है। यह बजट गरीबों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं सभी के लिए है।
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