नक्सलियों से किसका रिश्ता:उसेंडी बोले मुझ पर हमले हुए फार्म हाउस ब्लास्ट हुआ, कांग्रेस ने कहा था विक्रम के घर नक्सली खाते हैं खाना

रायपुर8 महीने पहले
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तेलंगाना में कांग्रेस नेता केजी सत्यम के नक्सलियों के साथ गिरफ्तार होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है अब विक्रम उसेंडी कांग्रेस के लगाए आरोपों पर पलटवार करते हुए सामने आए हैं उसेंडी पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं बस्तर के आदिवासी नेता हैं। कांग्रेस ने उसेंडी का नक्सलियों से संबंध होने का आरोप लगाया था।

इसके जवाब में विक्रम उसेंडी ने कहा कि उन पर 9 से अधिक बार नक्सली हमले हो चुके हैं उनका निजी फार्म हाउस ब्लास्ट में उड़ाया जा चुका है वह नक्सलियों के टारगेट में रहे हैं उसके बावजूद कांग्रेस का यह कहना कि उनके नक्सलियों से संबंध है यह एक उल जलूल बयान है उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस को तेलंगाना में गिरफ्तार हुए कांग्रेस नेता केजी सत्यम के नक्सल संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए।

कब-कब हुआ उसेंडी पर हमला

विक्रम उसेंडी ने कहा मुझ पर नक्सली कई बार हमला कर चुके है उन्होंने विस्तार वार घटनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि:

27 नवंबर 2004 सिकसोड ,कोइलीबेडा हनुमान मंदिर के पास फायरिंग हुई

7 अक्टूबर 2005 को पानावार(बांदे) में फायरिंग हुई जिससे उन्हें रात भर एक स्कूल में ही रुकना पड़ा था।

28 फरवरी 2005 सुलंगी कोइलीबेड़ा में फायरिंग

11 नवंबर 2005 गावड़ेगाव में फायरिंग जिसमे एक नागरिक की मृत्यु भी हुई। जिसमे वह जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर कोइलीबेड़ा मुख्यालय से वापिस आ रहे थे।

7 अक्टूबर 2007 को सोडे (अंतागढ़) में फायरिंग जिसमे एक सी आर पी एफ जवान शहीद हुए ।

10 अगस्त 2007 को पखांजूर मकान में ब्लास्ट

14 जनवरी 2009 को पचांगी (बड़गांव) में हमला जिसमे एक प्रधान आरक्षक शहीद और महिला आरक्षक का अपहरण किये थे।

अप्रैल 13 में केशकाल से आमाबेड़ा जाते वक्त पुल को उड़ा दिया गया था।

31 जुलाई 2013 को सुलंगी में चचेरे भाई जिला पंचायत सदस्य सुमंत उसेंडी की हत्या कर दी गई है। 22 मई 2018 को भी घोटूल बेड़ा (बर्रे बेड़ा) निजी फार्म हाउस को ब्लास्ट से उड़ा दिया गया। उसेंडी ने कहा कि यह बात विधानसभा के रिकॉर्ड में है जब उन्होंने 3 फरवरी 2014 को कांग्रेस को चुनौती दी थी उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का आरोप सिद्ध होने पर सदन से त्याग पत्र एवं राजनीति ने सन्यास ले लेंगे।कॉन्ग्रेस तब भी किसी बात को प्रमाणित नही कर पाई थी।

यह कहा कांग्रेस ने

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नक्सलियों से सांठगांठ भाजपा नेताओं के थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण साव को वास्तव में नक्सलवाद पर चिंता है तो केंद्रीय गृहमंत्री से भाजपा नेताओं के नक्सलियों से संबंध की जांच करावें। लेखक शुभ्रांशु चौधरी की पुस्तक उसका नाम वासु नहीं में पेज क्रमांक 101 में दावा किया गया कि नक्सली भाजपा नेता लता उसेंडी और विक्रम उसेंडी के घर खाना खाते थे इस किताब के तथ्यों के प्रकाशन के वर्षों बाद भी भाजपा नेताओं ने कभी खंडन नहीं किया था। रमन्ना के कुछ फॉरेस्ट अफसरों के साथ अच्छे संबंध भी रहे। ‘‘लता उसेंडी के पिता, जो फॉरेस्ट रेंजर थे, वे हमारा साहित्य नारायणपुर में छपवाते थे।’’ लता उसेंडी आज छत्तीसगढ़ की मंत्री हैं, और उनके पिता एक सरकारी संस्था, अबूझमाड़ विकास प्राधिकरण के प्रमुख हैं। विक्रम उसेंडी के घर गया हूं और उसके रिटायर्ड हेडमास्टर पिता के साथ खाना खाया है। छठे शेड्यूल के समर्थन में हुई हमारी रैली में उन्होंने भाग भी लिया था और भाषण भी दिया। जब उसेंडी एमएलए बन गए मैंने उन्हें मिलने के लिये बुलाया। वे अपनी कार में आए भी, लेकिन मुझसे मिले बिना चले गए।

सत्यम के नक्सल संबंध पर क्या कहती है कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि लेकर झूठे और गलत आरोप लगाये गये है कि कांग्रेस के किसी नेता का नक्सलियो से संबंध है-जिस व्यक्ति केजी सत्यम के बारे में दावा किया जा रहा कि वह कांग्रेस का पदाधिकारी है वह गलत है। केजी सत्यम वर्तमान में वह कांग्रेस के किसी पद पर नहीं है। दूसरा केजी सत्यम जिसे नक्सलवादियो के सहयोगी के रूप में गिरफ्तारी की बात कही जा रही है उसे नक्सलवादियो ने चार दिन पहले अपहृत किया था। दरअसल केजी सत्यम जहां रहता है उसके गांव नल्लमपल्ली 15 से 20 किमी तक किसी भी व्यक्ति के पास कोई चार चक्का की गाड़ी नहीं है। सिर्फ सत्यम के पास बोलेरो है, किसी नक्सली को आंध्र ईलाज के लिये जाना था उसने बंदूक की नोक पर केजी सत्यम का अपहरण किया था और इस संबंध में उसके परिजनों ने भोपालपट्नम थाने में आवेदन भी दिया है। अतः यह कहना कि वह नक्सलियों का सहयोगी था, प्रथम दृष्टया गलत है।