छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार ही नहीं बढ़ रही है, यह संक्रमण नए इलाकों में भी फैल रहा है। पिछले सप्ताह तक प्रदेश के 28 जिलों में से 19 से 21 ऐसे जिले थे जहां नए मरीज नहीं मिलते थे। पिछले दो दिनों से यह दर उलट गई है। अब 19-20 जिलों में नए मरीज मिलने लगे हैं। यानी प्रदेश के केवल 8-9 जिले ही ऐसे बचे हैं, जहां से फिलहाल नए केस नहीं आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर रात जारी बुलेटिन के मुताबिक शनिवार को दिन भर में 23 हजार 590 नमूनों की जांच हुई। इस दौरान 279 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। सबसे अधिक 73 मरीज रायपुर जिले से सामने आए। उसके बाद बिलासपुर में 58, रायगढ़ में 50, दुर्ग में 24 और कोरबा में 16 मरीजों की पुष्टि हुई।
राजनांदगांव, बालोद, धमतरी, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, बस्तर, सुकमा और बीजापुर में भी नए मरीजों की पुष्टि हुई है। पिछले सप्ताह तक इनमें से अधिकतर जिलों में नए मरीज नहीं मिल रहे थे। सप्ताह के पहले दिन यानी 27 दिसम्बर को प्रदेश भर में केवल 49 नए मामले सामने आए।
कोरोना की पॉजिटिविटी दर 0.23% तक रही। वहीं 19 जिलों में कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया था। इन जिलों में राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, धमतरी, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर का नाम शामिल था।
रायपुर में एक मरीज की मौत भी
शनिवार को रायपुर में कोरोना पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग का कहना है, उन्हें कोरोना के साथ दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। इसके साथ ही रायपुर में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 3 हजार 142 हो गई है। पूरे प्रदेश में मई 2020 से अब तक इस महामारी की वजह से 13 हजार 601 लोगों की मौत हो चुकी। सबसे अधिक मौतें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा जैसे जिलों में ही हुई हैं।
4 महीने बाद सबसे ज्यादा एक्टिव केस, तीसरी लहर के संकेत
तेजी से संक्रमण फैलने की वजह से प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ रही है। शनिवार को यह संख्या बढ़कर 1017 तक पहुंच गई। यह पिछले पांच महीनों के दौरान छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। अब से पहले 17 अगस्त को छत्तीसगढ़ में सक्रिय मरीजों की संख्या 1037 तक थी। अगले दिन यानी 18 अगस्त को यह घटकर 974 हो गई थी। उसके बाद कभी भी एक साथ इतने लोग कोरोना से संक्रमित नहीं हुए। इस प्रकार 4 महीने बाद इतने एक्टिव केस एक साथ हुए हैं। यह एक चिंताजनक तस्वीर है। स्वास्थ्य प्रशासन से जुड़े अधिकारी और डॉक्टर इसे तीसरी लहर का संकेत बता रहे हैं।
खतरा बढ़ा तो सुविधाएं बढ़ाने की कवायद
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बढ़ी हुई संक्रमण दर को तीसरी लहर के संकेत के तौर पर देख रहे हैं। अब जब खतरा बढ़ा है तो सुविधाएं बढ़ाने की कवायद तेज हुई है। रायपुर में फुंडहर को कोविड केयर सेंटर फिर से शुरू किया जा रहा है। यहां बिना लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को रखा जाना है। इसके अलावा कोविड अस्पताल के तौर पर जिला अस्पताल और माना के सिविल अस्पताल को एक्टिव किया जा रहा है। अभी डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा था।
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