छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के तमाम सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपना कामकाज बंद कर दिया। एक दिवसीय हड़ताल पर जाने की वजह से किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट में कोई काम नहीं हो सका। छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में भी किसी डिपार्टमेंट में कर्मचारी काम करने नहीं पहुंचे। कलेक्टोरेट, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग के कई कर्मचारियों का दल बाइक रैली निकालकर रायपुर के धरना स्थल पर पहुंचा। यहां कर्मचारियों ने दिन भर सभी बड़ी संख्या में जमा होकर धरना दिया।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि एक दिवसीय अवकाश लेकर हम विरोध कर रहे हैं। प्रदेश के कर्मचारी महंगाई भत्ते की मांग पर आवाज बुलंद कर रहे हैं। सभी कर्मचारी चाहते हैं कि बढ़ती महंगाई के साथ उन्हें महंगाई भत्ता भी नई तरह से दिया जाए। कर्मचारी 28% महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं।
100 प्रतिशत सफल रहा आंदोलन
कर्मचारी नेता विजय झा ने बताया कि रायपुर के धरना स्थल पर आकर यूनिवर्सिटी और निगम के कर्मचारी संगठनों ने हमें अपना समर्थन दिया है। पूरे दिन पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी और रायपुर के नगर निगम में भी काम-काज बंद रहा। इस तरह से हम अपने इस आंदोलन को 100% सफल मान रहे हैं, क्योंकि शत प्रतिशत सरकारी कर्मचारी तो आंदोलन पर रहे ही, विश्वविद्यालय और रायपुर निगम के कर्मचारियों ने भी अपना समर्थन देकर आंदोलन को कामयाब किया।
विद्युत विभाग के कर्मचारियों को मिलता है 28% महंगाई भत्ता
छत्तीसगढ़ के अलग-अलग सरकारी महकमों में लगभग 4.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से सिर्फ छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता मिल रहा है। विद्युत विभाग ने इस प्रस्ताव को पास कर अपने कर्मचारियों को सुविधा दी है, मगर राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही। इस वक्त कर्मचारियों को 12% महंगाई भत्ता मिलता है सभी 28% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों ने दिनभर चले अपने आंदोलन के दौरान सरकार को चेतावनी देकर यह भी कहा है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो आगे चलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का बिगुल फूंक दिया जाएगा।
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