शहर के ऐतिहासिक करबला तालाब को पाटने का मुद्दा गर्माने के बाद सौंदर्यीकरण करने वाली एजेंसी ने तालाब से मलबा निकालना शुरू कर दिया है। लगभग 40 फीट तक तालाब को पाटकर वहां पार्किंग बनाने की प्लानिंग चल रही थी। तालाब की वॉटर बॉडी को पाटना या खत्म करना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवहेलना है। मुद्दा गर्माने के बाद संबंधित एजेंसी ने तालाब से मलबा निकाल दिया है। मलबा निकलने के बाद तालाब की वाटर बाडी और पुरानी रीटेनिंग वॉल दिखने लगी है।
स्थानीय लोग तालाब का सीमांकन चाहते हैं। उनका कहना है कि राजस्व रिकार्ड में वाटर बॉडी और तालाब के कुल क्षेत्रफल का रिकार्ड दुरुस्त रहना चाहिए। यह इसलिए जरूरी है कि फिर कभी किसी तरह के कार्य के दौरान तालाब के क्षेत्रफल या वाटर बॉडी से छेड़छाड़ न की जा सके। गौरतलब है कि शहर के एक ज्वेलर्स और बड़े कारोबारी परिवार के सीएसआर फंड से तालाब में सौंदर्यीकरण चल रहा है। इसी तालाब के लगी हुई निजी जमीन पर कारोबारी परिवार बड़ा कांप्लेक्स तैयार कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के साथ भाजपा पार्षदों ने कारोबारी परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाब पाटने का आरोप लगाया था।
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